नई दिल्ली । पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में फंसे कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) ने ब्रिटेन की अदालत में एक नई चाल चली है। उन्होंने अपनी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को फिर से खोलने की अपील की, जिसे ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इससे भारत सरकार (India Government) की कोशिशों को नीरव को जल्द प्रत्यर्पित करने में झटका लग सकता है।
भारत सरकार की तैयारी और जवाब
नीरव की इस नई अर्जी के बाद भारत सरकार और जांच एजेंसियां लंदन (London) को जवाब भेजने की तैयारी में हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीरव मोदी ने पिछले महीने अपनी कानूनी टीम के जरिए यह अर्जी दाखिल की थी, जिसमें दावा किया गया कि भारत में प्रत्यर्पण होने पर वह कई एजेंसियों से पूछताछ के दौरान यातना का सामना कर सकता है। भारत सरकार इस दावे का खंडन करने की योजना बना रही है और अदालत से अर्जी खारिज करने की अपील करेगी।
अदालत ने अर्जी स्वीकार की, सुनवाई तारीख अभी तय नहीं
ब्रिटेन की अदालत ने नीरव की अर्जी को स्वीकार कर लिया है और भारत सरकार को नोटिस भेजा गया है। हालांकि, अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं की है। सरकारी अधिकारी का कहना है कि भारत प्रत्यर्पण मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करेगा और किसी भी एजेंसी की ओर से नीरव से अनैतिक पूछताछ नहीं की जाएगी।
नीरव मोदी पर गंभीर आरोप
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और करार उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप हैं। 2011 से 2017 तक उन्होंने अपनी कंपनियों (जैसे फायरस्टार डायमंड, सोलर एक्सपोर्ट्स) के लिए पीएनबी के मुंबई ब्रांच से 1,200 से अधिक फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग हासिल किए, जिन्हें विदेशी बैंकों से कर्ज लेने के लिए इस्तेमाल किया गया।
नीरव की कानूनी रणनीति
नीरव मोदी ने अपनी अर्जी में यह भी दावा किया कि अगर उसे भारत भेजा गया, तो वह न्यायिक प्रक्रिया में सुरक्षित नहीं रहेगा और उसकी मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम नीरव की कानूनी रणनीति का हिस्सा है, ताकि प्रत्यर्पण प्रक्रिया में देरी हो और उसे न्यायिक लड़ाई में अधिक समय मिले।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया की संभावना
सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत प्रत्यर्पण आदेश को मान्य और अंतिम मानता है, जो 2022 में पहले ही जारी हो चुका था। भारत अपनी पूरी कानूनी और राजनयिक शक्ति का इस्तेमाल करेगा ताकि नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किया जा सके और उसे भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलाया जाए।
नीरव की वैश्विक जांच और प्रभाव
नीरव मोदी की गतिविधियां और पंजाब नेशनल बैंक घोटाला न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में भी चर्चा का विषय बनी हैं। ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड और सिंगापुर की जांच एजेंसियां भी इस मामले में सक्रिय रही हैं। नीरव के प्रत्यर्पण में देरी से भारत की जांच और न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
नीरव मोदी घोटाला क्या है?
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मोदी और उनके सहयोगियों ने विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करने के लिए धोखाधड़ी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग प्राप्त करने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रचकर बैंक को ₹28000 करोड़ (लगभग US$4 बिलियन) का चूना लगाया।
नीरव मोदी ने कितना पैसा लेकर भाग लिया था?
भगोड़ा नीरव मोदी (Nirav Modi) करीब 14,000 करोड़ का चूना लगाकर विदेश भागा था। लेकिन अब वह पाई-पाई को तरस गया है। नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक ( Punjab National Bank ) को 13,540 करोड़ रुपये की चपत लगाई थी।
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