पटना, २० सितंबर २०२५ – बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के रण में महागठबंधन के अंदर नेतृत्व को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार से ठीक पहले ‘मुख्यमंत्री चेहरा’ यानी CM Face को लेकर राहुल गांधी को इशारा दिया है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे को उठाया है और एक AI-वीडियो जारी कर अपनी राजनीति हवा में चल रही चर्चाओं में शामिल हुई है।
क्या कहा तेजस्वी ने
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कहा है कि महागठबंधन चुनाव लड़ने से पहले मुख्यमंत्री चेहरे के चयन को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश होगा। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन “मुख्यमंत्री चेहरे के बिना चुनाव नहीं लड़ेगा”। उन्होंने राहुल गांधी को विपक्ष के प्रधानमंत्री चेहरे के रूप में स्वीकार कर लिया है, लेकिन सीएम-चेहरा अभी तय नहीं किया गया है।
अरा में एक रैली के दौरान तेजस्वी ने कहा था, “क्या आप एक कॉपी सरकार चाहते हैं या एक असली मुख्यमंत्री?” यह बयान सीधा संकेत माना जा रहा है कि वे खुद इस भूमिका की उम्मीद रखते हैं।
बीजेपी की प्रतिक्रिया: AI वीडियो और आरोप-प्रत्यारोप
बीजेपी ने इस सियासी बयानबाज़ी का जवाब एक AI जनित वीडियो जारी कर दिया है, जिसमें उन्होंने महागठबंधन के नेताओँ पर आरोप लगाए हैं कि वे फालतू वादे कर रहे हैं और चुनावी माहौल को गड़बड़ा रहे हैं।
बीजेपी की ओर से यह वीडियो महागठबंधन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने की कोशिश मानी जा रही है। विपक्षी दलों ने इस कदम को राजनीति में एआई के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है, और इसे ‘संविधान-परकता’ एवं ‘नीति-शुद्धता’ के सवालों से जोड़कर देखा जा रहा है।
चुनावी राजनीति पर इस फैसले का असर
- नेतृत्व का निर्धारण: सीएम फेस के इशारे से महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे व गठबंधन की रणनीति पर असर पड़ेगा। तेजस्वी का सीएम चेहरे के मुद्दे को समय रहते तय करने का दबाव बढ़ गया है।
- रुझान बदलने की कोशिश: AI वीडियो का उपयोग इस बात का संकेत है कि दोनों ओर डिजिटल व सोशल मीडिया अभियान तेज हो रहे हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सूचना और छवि का महत्व बढ़ गया है।
- विरोधी दलों की चाल: बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों की आपसी एकता और भरोसा पर सवाल उठाये हैं। इससे गठबंधन के अंदर असमर्थ होने या विभाजन की संभावनाएँ भी चर्चा में हैं।
तेजस्वी यादव द्वारा ‘मुख्यमंत्री चेहरे’ का इशारा एक रणनीतिक कदम है, जिससे महागठबंधन चुनाव से पहले स्व-परीक्षण और अपनी छवि को स्पष्ट करना चाहता है। वहीं, बीजेपी ने AI-वीडियो जारी कर इस मुद्दे को अपने फायदे में इस्तेमाल करने की कोशिश की है। जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, ये राजनीतिक तकरार और बयानबाज़ियाँ और तेज होंगी, और जनता पर इनके प्रभाव स्पष्ट होंगे।
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