Rajasthan : त्रिपुरा राज्य में स्थित माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (Mata Tripura Sundari) को भारत के प्राचीन और प्रमुख शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां मां की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और यही कारण है कि राजनीति से लेकर आम जनमानस तक सभी यहां श्रद्धा से सिर झुकाते हैं।
राजस्थान (Rajasthan) के बांसवाड़ा जिले में स्थित त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ नेताओं का खास माना जाता है. माना जाता है कि इस मंदिर में मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को यहां दर्शन के लिए आ सकते हैं।
देश की राजनीति में सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने की चाहत हर नेता में होती है. राजस्थान में एक ऐसा शक्तिपीठ है, जहां नेता अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं और उनकी मनोकामना भी पूरी होती है. यह मंदिर राजनेताओं के लिए ‘संकट मोचन देवी’ के रूप में जाना जाता है. नवरात्रि के मौके पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. यह मंदिर राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित एक प्रमुख शक्तिपीठ है, जो माता त्रिपुरा सुंदरी को समर्पित है. मंदिर बांसवाड़ा शहर से लगभग 18-20 किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव के पास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को बांसवाड़ा के दौरे पर आ रहे हैं और उम्मीद है कि वह नवरात्रों के दौरान मां के दर्शन करेंगे. यह दूसरी बार होगा जब पीएम मोदी मां के दरबार में हाजिरी देंगे. इस मंदिर में प्रधानमंत्री से लेकर सरपंच तक, सभी अपनी मुरादों की झोली फैलाते हैं. यहां राजनीति यज्ञ और विजय श्री हवन का विशेष आयोजन भी किया जाता है. माना जाता है कि इससे चुनाव में जीत सुनिश्चित होती है।
ओहदेदारों की गहरी आस्था

माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के प्रति सिर्फ स्थानीय श्रद्धालुओं ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के बड़े-बड़े ओहदेदारों की भी गहरी आस्था है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत पूरे देश के कई दिग्गज नेता यहां आकर माता से आशीर्वाद लेते हैं. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे कई बड़े नेता यहां कई बार आ चुके हैं.
इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, और योग गुरु बाबा रामदेव, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एम पी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, महाराष्ट्र के विधान सभा अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कई कांग्रेसी दिग्गज भी माता के चरणों में धोक लगा चुके हैं।
पूरी होती हैं मनोकामनाएं
ऐसी मान्यता है कि त्रिपुरा सुंदरी के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता. यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है, चाहे वह गरीब हो या अमीर. कहा जाता है कि जिस भी नेता ने यहां आकर मन्नत मांगी, उसने राज्य या देश में राज किया है. यही वजह है कि यह शक्तिपीठ सत्ता के गलियारों में खासा लोकप्रिय है।
त्रिपुरा सुंदरी की कहानी क्या है?
त्रिपुर सुंदरी की कथा के अनुसार, कामदेव के भस्म होने पर उत्पन्न हुए भंडासुर नामक असुर को देवताओं ने पराजित करने के लिए आदि शक्ति को पुकारा, जिसके बाद श्रीविद्या स्वरूपिणी त्रिपुर सुंदरी प्रकट हुईं और भंडासुर और उसकी सेना का वध कर तीनों लोकों में सामंजस्य स्थापित किया. यह कथा ललिता सहस्रनाम जैसे ग्रंथों में वर्णित है, जो देवी के दिव्य गुणों और शक्ति का वर्णन करती है।
त्रिपुरा सुंदरी का दूसरा नाम क्या है?
Rajasthan : त्रिपुरा सुंदरी (संस्कृत: त्रिपुरसुंदरी; आईएएसटी: त्रिपुरा सुंदरी ), जिसे ललिता , षोडशी , कामाक्षी और राजराजेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू देवी है जो मुख्य रूप से शक्तिवाद परंपरा के भीतर प्रतिष्ठित है और दस महाविद्याओं में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
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