चंडीगढ के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम), सचिन यादव ने जब बुजुर्ग के मामले को सुना तो वहां मौजूद सभी हैरान रह गए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बुजुर्ग पर 200 रुपये प्रति चालान जमा करने का आदेश दिया. साथ ही उन्हें कम्यूनिटी सर्विस की सजा सुनाई, यानी समाज सेवा करने को कहा.
चंडीगढ़ देश के बेहतर शहरों में गिना जाता है. ये शहर साफ-सफाई के साथ-साथ कड़े नियमों के लिए जाना जाता है. हालांकि, इसी शहर का एक मामला इस समय चर्चा में है. चर्चा इसलिए कि कोर्ट ने एक बुजुर्ग व्यक्ति पर 24,500 रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही उसका ड्राइविंग लाइंसेंस भी रद्द कर दिया है. अब सवाल उठता है कि आखिर बुजुर्ग ने ऐसा क्या किया कि कोर्ट से उसे ऐसी सजा मिली.
इस सवाल का जवाब है 49 बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन. यानी बुजुर्ग व्यक्ति ने चंडीगढ़ में ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दीं. मामला जब कोर्ट पहुंचा तो जज साहब को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने बुजुर्ग व्यक्ति को उनके अपराध के लिए सजा सुना दी.
कोर्ट ने सुनाई बुजुर्ग को सजा
चंडीगढ़ में गाड़ियों के चालान के निपटारे के लिए लोक अदालत लगाई गई है. अदालत में गाड़ियों से जुड़े केस पर सुनवाई चल रही थी. तभी एक बुजुर्ग का मामला सामने आया. अपराध था ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का. 65 साल के बुजुर्ग ने 48 बार रेड लाइट जंप किया था और एक बार जेब्रा क्रॉसिंग को पार किया था. यानी कुल 49 बार नियम तोड़े थे. चंडीगढ के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम), सचिन यादव ने जब बुजुर्ग के मामले को सुना तो वहां मौजूद सभी हैरान रह गए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बुजुर्ग पर 200 रुपये प्रति चालान जमा करने का आदेश दिया. साथ ही उन्हें कम्यूनिटी सर्विस की सजा सुनाई, यानी समाज सेवा करने को कहा.
माफ की यह सजा
हालांकि, बाद में कोर्ट ने बुजुर्ग की उम्र का ख्याल रखते हुए उनकी समाज सेवा करने की सजा को माफ कर दिया. साथ ही चालान की राशि को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति चालान कर दिया. यानी अब उन्हें 49 चालान के 24,500 रुपये भरने होंगे. चंडीगढ के सीजेएम कोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत, बुजुर्ग का लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया है.
क्या कहता है नियम?
सुप्रीम कोर्ट सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों के अनुसार, यह सुझाव दिया गया है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 19 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम 21 के तहत तय स्पीड लिमिट से अधिक रफ्तार पर गाड़ी चलाने पर ड्राइवर का लाइसेंस कम से कम तीन महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा.