International : गैलेक्सी से पहले बना 5 करोड़ सूरज जितना भारी ब्लैक होल

By Anuj Kumar | Updated: September 6, 2025 • 10:46 AM

ब्रह्मांड की शुरुआत को समझने की कोशिश में वैज्ञानिकों को एक नई रोशनी मिली है। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने एक लाल बिंदु जैसी चमक पकड़ी है, जो बिग बैंग के करीब 600 मिलियन साल बाद की है। इस छोटी-सी लाल रौशनी को वैज्ञानिकों ने क्यूएस O1 नाम दिया है।

सूरज से 5 करोड़ गुना भारी ब्लैक होल

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के एस्ट्रोफिजिसिस्ट इग्नास जुओज़बैलिस की टीम का कहना है कि असल में ये एक ब्लैक होल हो सकता है, जिसकी ताकत 5 करोड़ सूर्यों के बराबर है। अगर ये खोज सही साबित होती है तो ये ब्रह्मांड के शुरुआती ब्लैक होल बनने के सबूतों में से पहला होगा।

दो संभावित थ्योरी

वैज्ञानिकों का मानना है कि ये या तो “डायरेक्ट कोलैप्स ब्लैक होल (Direct Collapse Black Holl) का नतीजा हो सकता है, जहां गैस का बादल सीधे ब्लैक होल में ढह गया, या फिर ये “प्राइमॉर्डियल ब्लैक होल” हो सकता है, जो बिग बैंग के तुरंत बाद बने थे। हालांकि, इन दोनों ही थ्योरीज़ की अभी और जांच की जरूरत है।

आधिकारिक पुष्टि बाकी

पेपर अभी पीयर-रिव्यू के लिए गया है, यानी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन इतना तय है कि ये छोटे-छोटे लाल बिंदु हमें ब्रह्मांड के जन्म के बारे में बड़ी और चौंकाने वाली जानकारी देने वाले हैं।

ब्लैक होल ‘नंगा’ क्यों दिख रहा है?

अब तक माना जाता रहा है कि ब्रह्मांड की शुरुआत में तारों, आकाशगंगाओं (Akashganga) और ब्लैक होल्स का जन्म हुआ, लेकिन उनकी असली कहानी समझना मुश्किल रहा है। वैज्ञानिकों ने सैकड़ों ऐसे लाल बिंदु देखे हैं। कुछ कहते हैं ये तारों के समूह हैं, तो कुछ इन्हें शुरुआती ब्लैक होल मानते हैं।

गैलेक्सी से पहले बना ब्लैक होल

मुश्किल ये है कि ब्लैक होल आमतौर पर एक्स-रे किरणों के साथ दिखते हैं, लेकिन इन लाल बिंदुओं के आसपास वो एक्स-रे रोशनी नहीं दिखती। खास बात ये है कि ब्लैक होल तो बहुत बड़ा है, पर उसके आसपास की गैलेक्सी बेहद छोटी। यानी ब्लैक होल अपने आप में ज्यादा ‘नंगा’ नजर आ रहा है। इससे ये संकेत मिलता है कि शायद शुरुआती ब्रह्मांड में पहले ब्लैक होल बने और फिर उनके आसपास गैलेक्सी ने आकार लिया

ब्रह्मांड में कुल कितने गैलेक्सी हैं?

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ब्रह्मांड में 100 से 200 अरब (बिलियन) आकाशगंगाएँ मौजूद हैं, लेकिन यह केवल अवलोकनीय ब्रह्मांड के लिए एक अनुमान है। संपूर्ण ब्रह्मांड शायद बहुत बड़ा और अनंत हो सकता है, जिसमें आकाशगंगाओं की संख्या और भी अधिक हो सकती है। 

आकाशगंगा में कुल कितने ग्रह हैं?

हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, में तारों की संख्या का अनुमान 100 से 400 अरब के बीच है, और प्रत्येक तारे के कम से कम एक ग्रह होने की संभावना के साथ, अकेले हमारी मिल्की वे में ही अरबों-खरबों ग्रह होने का अनुमान है। इस संख्या का सटीक होना मुश्किल है क्योंकि सभी ग्रहों की खोज नहीं की गई है, लेकिन यह एक विशाल संख्या है जो हमारी कल्पना से भी परे है

Read More :

# Direct Collapse Black holl news #Breaking News in Hindi #Cambrideg University news #Hindi News #Latest news #Paper news #Pear-Review news #X-ray news