OBC कर्मचारियों के संगठन ने राहुल गांधी से की मुलाकात, जानें मीटिंग क्यों है खास

By digital@vaartha.com | Updated: March 20, 2025 • 11:08 AM

नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ़ ओबीसी इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात कर केंद्र सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों में ओबीसी कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व की चुनौतियों पर बात की।

नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ़ ओबीसी इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ओबीसी इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन 30,000 ओबीसी सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है। मुलाकात के दौरान एनसीओबीसी ने केंद्र सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों में ओबीसी कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व और मान्यता की चुनौतियों को लेकर बातें कहीं।

नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ओबीसी इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से राहुल गांधी की मुलाकात राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह मुलाकात तेलंगाना विधानसभा में 17 मार्च को शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी नौकरियों और ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 42% करने की पृष्ठभूमि में हुई है।

राहुल गांधी ने तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के तेलंगाना सरकार के फैसले की सराहना की थी। राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का अपना वादा पूरा किया है। राहुल गांधी ने कहा था कि तेलंगाना ने वैज्ञानिक जाति सर्वेक्षण के माध्यम से ओबीसी समुदाय की वास्तविक जनसंख्या गणना को स्वीकार किया है। शिक्षा, रोजगार और राजनीति में समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा में 42% आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया गया है।

तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण को लेकर हुआ फैसला


सामाजिक न्याय में इसे “क्रांतिकारी कदम” बताते हुए राहुल गांधी ने बताया था कि इस कदम ने 50% आरक्षण की बाधा को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा था कि यह वास्तव में एक क्रांतिकारी कदम है जिसने 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ दिया है।

राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि तेलंगाना के जाति सर्वेक्षण के आंकड़े सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए नीतियों का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने डेटा का विश्लेषण करने के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह के गठन का भी उल्लेख किया।

ओबीसी को लेकर कांग्रेस की नई रणनीति


बता दें कि कांग्रेस बीजेपी के हिंदुत्व के मुकाबला जातियों पर जोर दे रही है। खास कर ओबीसी, एसी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय को लुभाने के लिए कांग्रेस की ओर से विशेष रणनीति बनाई जा रही है और इस बाबत कांग्रेस की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से 85 फीसदी आबादी को साधने की कांग्रेस रणनीति बना रही है।

तेलंगाना के साथ ही साथ कांग्रेस ने हाल में बिहार में भूमिहार नेता अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी है और उनकी जगह दलित नेता राजेश राम को बिहार कांग्रेस की कमान सौंपी है। यह भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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