माता-पिता से संवेदनशीलता बरतने का आग्रह करते हुए नोट छोड़ा
हनमकोंडा। मंचेरियल जिले की एक 16 वर्षीय लड़की ने रविवार को हनमकोंडा के नईमनगर (Naimnagar) स्थित एक निजी जूनियर कॉलेज में आत्महत्या (Suicide) कर ली। ऐसा बताया जा रहा है कि वह अपने शैक्षणिक प्रदर्शन और चुने हुए पाठ्यक्रम में रुचि की कमी से परेशान थी। मित्तपल्ली शिवानी एमपीसी प्रथम वर्ष की छात्रा थी। पुलिस के अनुसार, उसने अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बच्चों की रुचियों और पसंद पर विचार करें अभिभावक
शिवानी ने कथित तौर पर लिखे एक सुसाइड नोट में, उस कोर्स में जबरन दाखिला लेने पर अपनी निराशा व्यक्त की, जो वह करना नहीं चाहती थी। उसने कहा कि उसके खराब शैक्षणिक प्रदर्शन ने उसकी परेशानी को और बढ़ा दिया है, और अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को शैक्षणिक कार्यक्रमों में दाखिला देने से पहले उनकी रुचियों और पसंद पर विचार करें। उसने नोट में लिखा, ‘मैं यह कोर्स नहीं पढ़ पा रही हूँ। लेकिन आप (माता-पिता) इसे समझते ही नहीं। मैं टूट चुकी हूँ।’ मामला दर्ज कर लिया गया है और जाँच चल रही है। इस बीच, कॉलेज प्रबंधन द्वारा परिवार या पुलिस को पहले से सूचित किए बिना शिवानी के शव को वारंगल के एमजीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए स्थानांतरित करने पर सवाल उठ रहे हैं।

आत्महत्या शब्द का अर्थ क्या होता है?
स्वयं की जान लेना या खुद को जानबूझकर मृत्यु की ओर ले जाना आत्महत्या कहलाता है। यह एक मानसिक, सामाजिक या भावनात्मक संकट की चरम स्थिति में किया गया कृत्य होता है।
क्या आत्महत्या अपराध है?
भारतीय कानून की धारा 309 के तहत पहले आत्महत्या का प्रयास दंडनीय था, लेकिन अब इसे मानसिक स्वास्थ्य समस्या मानते हुए अपराध की श्रेणी से हटाया गया है।
आत्महत्या का मुख्य कारण क्या है?
मानसिक तनाव, अवसाद, पारिवारिक कलह, आर्थिक संकट, परीक्षा का दबाव या सामाजिक अपमान जैसे कारण आत्महत्या की प्रमुख वजहें बनते हैं।
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