America को मिलेगा इंडिया मार्केट में जगह, इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ

By Vinay | Updated: July 16, 2025 • 10:53 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)ने दावा किया कि अमेरिका को भारतीय बाजार में पहुंच मिल रही है और भारत के साथ व्यापारिक समझौता (ट्रेड डील) अंतिम चरण में है। उन्होंने इंडोनेशिया के साथ हाल ही में हुए व्यापार समझौते का भी उल्लेख किया, जिसमें इंडोनेशिया से अमेरिका आने वाले सामानों पर 19% टैरिफ लगेगा, जबकि अमेरिकी सामान इंडोनेशिया में बिना टैरिफ के प्रवेश कर सकेंगे।

इस समझौते के तहत इंडोनेशिया अमेरिका से 15 अरब डॉलर की ऊर्जा, 4.5 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद, और 50 बोइंग जेट खरीदेगा। ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति को इसका श्रेय दिया, जिसके कारण अमेरिका को उन बाजारों में पहुंच मिल रही है, जहां पहले प्रवेश मुश्किल था।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील:

ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ ट्रेड डील “बेहद करीब” है, लेकिन अभी अंतिम रूप नहीं मिला। बातचीत में अमेरिका भारत से कृषि, डेयरी, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है। ट्रंप ने संकेत दिया कि भारत पर टैरिफ 20% से कम हो सकता है, जो चीन (104%) और वियतनाम (46%) जैसे देशों की तुलना में कम है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इसकी बारीकियों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। भारतीय पक्ष ने भी इस पर सतर्क रुख अपनाया है, क्योंकि ट्रंप की टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर रही है।

इंडोनेशिया डील:

ट्रंप ने इसे अपनी नीति की सफलता बताया। इस समझौते से अमेरिकी किसानों और मछुआरों को इंडोनेशिया के 280 मिलियन उपभोक्ताओं के बाजार में टैरिफ-मुक्त पहुंच मिलेगी। यह भारत के लिए भी एक संकेत हो सकता है, क्योंकि ट्रंप की नीतियां अन्य देशों को व्यापारिक रियायतें देने के लिए दबाव डाल रही हैं।

बीबीसी इंटरव्यू:

बीबीसी के साथ इंटरव्यू में ट्रंप ने मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध और रूस के व्यवहार पर बात की। भारत या इंडोनेशिया की ट्रेड डील पर विस्तृत चर्चा नहीं हुई। हालांकि, बीबीसी ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों के वैश्विक असर पर विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि इससे भारत जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ सकता है। भारतीय शेयर बाजार में भी टैरिफ की खबरों के बाद उतार-चढ़ाव देखा गया।

प्रभाव और विश्लेषण:

ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत को अपने निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है, खासकर अगर टैरिफ बढ़े। भारत सरकार और विशेषज्ञ इस डील को सावधानी से देख रहे हैं, क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से निर्यात-आयात और शेयर बाजार पर प्रभाव डाल सकता है। भारत को अपनी रणनीति में संतुलन बनाना होगा ताकि अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत रहें, लेकिन घरेलू हितों की रक्षा भी हो।

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अमेरिका का मुख्य व्यापार क्या है?वार्षिक व्यापार

सबसे हालिया निर्यातों में कच्चा पेट्रोलियम ($124 बिलियन), रिफाइंड पेट्रोलियम ($116 बिलियन), पेट्रोलियम गैस ($80.7 बिलियन), कारें ($66.9 बिलियन), और गैस टर्बाइन ($52.6 बिलियन) शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के निर्यात के लिए सबसे आम गंतव्य कनाडा ($291 बिलियन), मेक्सिको ($285 बिलियन), चीन ($147 बिलियन), जर्मनी ($83.4 बिलियन), और जापान ($76.4 बिलियन) हैं।

भारत अमेरिका के साथ क्या व्यापार करता है?

2021 में, भारत से 73.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अमेरिकी आयात में, शीर्ष वस्तु क्षेत्र पत्थर, कांच, धातु और मोती (23.3%), रसायन, प्लास्टिक, रबर और चमड़ा उत्पाद (23.0%), और कपड़ा, जूते और हेडगियर (14.9%) थे ।

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