आईएएस अफसर अनु कुमारी ने एक हालिया इंटरव्यू में अपने आईएएस बनने की कहानी और UPSC परीक्षा की तैयारी के संघर्ष की दास्तां सुनाई। तब तक तो एक आईएएस की जिंदगी एलियन जैसी लगती थी। ऐसी जिंदगी तक पहुंचने के लिए वह 2 साल तक बेटे से दूर रहीं।
आईएएस अफसर अनु कुमारी की कहानी लाखों स्टूडेंट्स के लिए एक मिसाल हो सकती है। उन्होंने अपने बच्चे से दो साल तक दूरी बनाकर रखी। इस बीच पहले अटेम्प्ट में वह यूपीएससी परीक्षा में एक नंबर से चूक गईं हालांकि ‘हार’ शब्द उनकी डिक्शनरी में नहीं था। उनका ऋचा अनिरुद्ध के साथ एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर चर्चा में है। अनु कुमारी की कहानी उन लोगों के लिए एक शानदार उदाहरण है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
निजी जिंदगी को नहीं बनने दिया रुकावट
आपने कई ऐसी महिलाओं की कहानियां सुनी होंगी जिन्होंने अपनी निजी जिंदगी की चुनौतियों की वजह से UPSC की तैयारी बीच में ही छोड़ दी। लेकिन अनु कुमारी की कहानी अलग है। उन्होंने बच्चे की देखभाल करते हुए भी सिविल सेवा परीक्षा पास की। अनु कुमारी ने 2017 में अपने दूसरी कोशिश में टॉपर वाली रैंक AIR 2 के साथ यह परीक्षा पास की।
पढ़ाई से शादी तक – अनु कुमारी की जिंदगी?
अनु कुमारी सोनीपत की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने IMT, नागपुर से फाइनेंस और मार्केटिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। कुछ सालों बाद, 2012 में अनु की शादी हो गई और उन्हें गुरुग्राम जाना पड़ा।
बच्चे से दूर रहने का मुश्किल फैसला, 1 नंबर से गंवाई सफलता
अनु कुमारी ने UPSC की तैयारी पर ध्यान देने के लिए लगभग दो साल तक अपने बेटे से दूर रहने का मुश्किल फैसला किया। उन्होंने पहली बार UPSC की परीक्षा दी, जिसमें महज 1 नंबर से चूक गईं। पहली बार में असफल होने के बाद उन्हें जीवन में निराशा के बाद नजर आए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कोशिश करती रहीं। साल 2017 में ऑल इंडिया रैंक 2 के साथ आखिरकार वह IAS बनने में सफल रहीं।
हाल ही में ऋचा अनिरुद्ध को दिए एक इंटरव्यू में IAS अनु कुमारी ने अपनी IAS बनने के सफर के बारे में बात की है। अनु कहती हैं कि आज तो सफलता हासिल हो गई है लेकिन एक समय ऐसा भी लगता था कि एलियन किस्म के लोग ही होते हैं जो IAS अधिकारी बनते हैं।
IAS अनु कुमारी ने सुनाई अपनी कहानी
IAS अनु ने हाल ही में ऋचा अनिरुद्ध के साथ एक इंटरव्यू में अपनी कहानी सुनाई कि किस तरह से उन्होंने एक आईएएस अफसर बनने के लिए संघर्ष किया और किस तरह उनके लिए एक समय यह एक असंभव सा लगने वाला काम बन गया था।