भारत में आधार कार्ड (Aadhar Card) आज के समय में एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है, जिसके बिना न केवल बैंकिंग, सरकारी योजनाओं का लाभ लेना मुश्किल होता है बल्कि बच्चों के स्कूल एडमिशन और अन्य पहचान पत्र बनवाने जैसे काम भी प्रभावित होते हैं। खासकर बच्चों के लिए आधार कार्ड और उससे जुड़ी बायोमेट्रिक अपडेट अब ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि स्कूल प्रशासन भी अब बच्चों की पहचान के लिए आधार आधारित (APAAR ID) को अनिवार्य कर रहे हैं। इस संदर्भ में सरकार ने बच्चों के आधार कार्ड संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन आवश्यक है।
बच्चों के आधार कार्ड को लेकर नया अपडेट
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया है कि UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने सात वर्ष से अधिक आयु के सभी बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट (Mandatory Biometric Update – MBU) को अनिवार्य कर दिया है। जिन बच्चों ने अभी तक अपने आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डाटा अपडेट नहीं कराया है, उन्हें जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह अपडेट बच्चे की डिजिटल पहचान की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
मंत्रालय ने माता-पिता और अभिभावकों को निर्देश दिया है कि वे अपने बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा को किसी भी आधार सेवा केंद्र या अधिकृत केंद्र पर जाकर अपडेट कराएं। UIDAI ने इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए बच्चों के आधार में पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर SMS अलर्ट भी भेजना शुरू कर दिया है।
UIDAI की ओर से माता-पिता के लिए विशेष अपील
- 5 से 7 साल के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह मुफ्त है।
- 7 वर्ष के बाद बायोमेट्रिक अपडेट कराने पर ₹100 का शुल्क लगेगा।
- बायोमेट्रिक अपडेट न कराने पर आधार कार्ड निष्क्रिय हो सकता है, जिससे बच्चे के स्कूल एडमिशन, छात्रवृत्ति, प्रवेश परीक्षाओं और डीबीटी जैसी सरकारी योजनाओं में बाधा आ सकती है।
- UIDAI ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे इस प्रक्रिया को प्राथमिकता दें ताकि बच्चों की आधार पहचान पूरी तरह से वैध और सक्रिय बनी रहे।
बच्चों के आधार कार्ड के लिए जरूरी जानकारियां
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आधार में नाम, जन्मतिथि, फोटो, लिंग, और पता दर्ज कराया जाता है, लेकिन इस उम्र में उंगलियों के निशान और आईरिस स्कैन नहीं लिया जाता क्योंकि बच्चे के बायोमेट्रिक डेटा परिपक्व नहीं होते।
- जैसे ही बच्चा 5 साल का होता है, उसके आधार में फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतली और फोटो का पहला बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) कराना अनिवार्य होता है।
- यदि यह अपडेट 5 से 7 साल की उम्र में किया जाता है, तो यह निःशुल्क है।
- 7 वर्ष की आयु के बाद बायोमेट्रिक अपडेट कराने पर शुल्क ₹100 लगाया जाता है।
बायोमेट्रिक अपडेट क्यों जरूरी है?
- बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता बनाए रखने के लिए यह अपडेट जरूरी है।
- इससे बच्चे का आधार सक्रिय और प्रमाणित रहता है।
- स्कूल में एडमिशन, छात्रवृत्ति, DBT (Direct Benefit Transfer) जैसी योजनाओं में सहायता मिलती है।
- समय पर अपडेट न करने पर आधार कार्ड निष्क्रिय हो सकता है, जिससे कई जरूरी कामों में बाधा आती है।
माता-पिता के लिए सलाह और प्रक्रिया
- माता-पिता या अभिभावक अपने बच्चों को नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर लेकर जाकर अपडेट कराएं।
- साथ में बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, वर्तमान आधार कार्ड और पंजीकृत मोबाइल नंबर लेकर जाएं।
- अपडेट के बाद प्राप्त रसीद को सुरक्षित रखें और यदि स्कूल द्वारा मांगी जाए तो उसे जमा करें।
- UIDAI की वेबसाइट पर जाकर भी प्रक्रिया और नजदीकी केंद्र की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
आधार के संस्थापक कौन है?
योजना आयोग द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद 28 जनवरी 2009 को यूआईडीएआई की स्थापना की गई। 23 जून को, तत्कालीन यूपीए सरकार ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी को इस परियोजना का प्रमुख नियुक्त किया।
आधार कार्ड किसने पास किया?
आधार (वित्तीय एवं अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 भारतीय संसद का एक धन विधेयक है। इसका उद्देश्य आधार विशिष्ट पहचान संख्या परियोजना को कानूनी समर्थन प्रदान करना है। इसे 11 मार्च 2016 को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
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