Indian Army, अपनी तोपखाने क्षमता को बढ़ाने के लिए BM-21 ग्रेड मल्टी बैरल रॉकेट लांचर के लिए नए रॉकेट गोला-बारूद खरीदने जा रही है.

Indian Army

एक सूचना अनुरोध (आरएफआई) जारी किया गया है. नया गोला-बारूद सभी तरह के भू-भागों (मैदान, रेगिस्तान, पहाड़ी) में कारगर होगा.

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भारतीय सेना ने 122एमएम ग्रैड बीएम-21 मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) के लिए नए रॉकेट गोला-बारूद खरीदने की योजना बनाई है. इसके सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया गया है. यह कदम सेना की तोपखाने (आर्टिलरी) ताकत को बढ़ाने के लिए उठाया गया है, जिससे सेना मैदान, रेगिस्तान और ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में किसी भी परिस्थिति में युद्ध के लिए तैयार रह सके.

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ग्रैड BM-21 रूसी तकनीक पर बना रॉकेट लॉन्चर है, जो भारतीय सेना में कई सालों से इस्तेमाल हो रहा है. इसकी खासियत है कि यह बहुत तेज़ी से एक साथ कई रॉकेट दाग सकता है, जिससे दुश्मन के ठिकानों पर भारी हमला किया जा सकता है. सेना ने यह साफ किया है कि नया गोला-बारूद मौजूदा लॉन्चर के साथ आसानी से फिट होना चाहिए ताकि पूरे सिस्टम में कोई बदलाव न करना पड़े.

हर जगह इस्तेमाल के लिए उपयुक्त

सेना चाहती है कि नया गोला-बारूद देश के किसी भी हिस्से में अच्छी तरह काम करे, चाहे वह मैदान, अर्ध-रेगिस्तान, रेगिस्तान या ऊंचे पहाड़ हों. इसके अलावा, इसे छोटी और लंबी दोनों दूरी तक मार करने में सक्षम होना चाहिए ताकि, इसे अलग-अलग सैन्य अभियानों में इस्तेमाल किया जा सके.

लंबे समय तक इस्तेमाल हो सके

सेना ने यह भी कहा है कि रॉकेट कम से कम 10 साल तक उपयोग करने लायक होना चाहिए. अगर जरूरत पड़ी तो उसकी मरम्मत या कुछ हिस्सों को बदलकर उसकी उम्र और बढ़ाई जा सके. इससे सेना को बार-बार नया गोला-बारूद खरीदने की जरूरत नहीं होगी और पैसे की बचत होगी.

स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा

इस प्रक्रिया से सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना को भी मजबूती मिलेगी. सेना चाहती है कि भारत के ही कंपनियां और निर्माता इस गोला-बारूद को बनाएं, ताकि विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो और भारत आत्मनिर्भर बन सके. इससे रक्षा क्षेत्र में देश की ताकत बढ़ेगी और सुरक्षा मजबूत होगी.

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