जम्मू,। लंबे इंतजार के बाद रविवार से मां वैष्णो देवी यात्रा (Vaishno Devi Yatra) एक बार फिर शुरू हो रही है। यात्रा बहाली की सूचना मिलते ही श्रद्धालुओं में उत्साह है और कटरा, भवन व यात्रा मार्ग पर रौनक लौटने लगी है। यात्रा शुरू होने से न केवल श्रद्धालु उत्साहित हैं बल्कि घोड़ा, पिट्ठू, पालकी मजदूरों और कटरा-जम्मू के व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे हैं। श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्गों की साफ-सफाई तेज कर दी है और श्रद्धालुओं से वेबसाइट के जरिए जानकारी लेने की अपील की है।
अर्धकुंवारी भूस्खलन से 34 श्रद्धालुओं की मौत
26 अगस्त को अर्धकुंवारी क्षेत्र के पास भारी भूस्खलन में 34 श्रद्धालु मारे गए थे। इसके बाद लगातार बारिश और रास्ते की खराब स्थिति को देखते हुए यात्रा स्थगित कर दी गई थी। यह पहली बार था जब भूस्खलन की वजह से यात्रा इतने लंबे समय तक रुकी रही।
मरम्मत और आपदा प्रबंधन दल की तैनाती
भूस्खलन प्रभावित अर्धकुंवारी क्षेत्र की मरम्मत कर रास्ते को श्रद्धालुओं के चलने लायक बना दिया गया है। साथ ही आपदा प्रबंधन दल और श्राइन बोर्ड (Shine Board) के कर्मियों को तैनात किया गया है।
व्यापारियों को 1000 करोड़ का नुकसान
कटरा का व्यापार यात्रा पर निर्भर है। 18 दिन तक यात्रा बंद रहने से कारोबार, ट्रांसपोर्ट और होटल इंडस्ट्री को 800 से 1000 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ है। अकेले होटल इंडस्ट्री को ही 400 से 500 करोड़ का नुकसान पहुंचा।
नवरात्र कार्यक्रमों पर सादगी की छाया
22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र में इस बार अर्धकुंवारी हादसे को देखते हुए कार्यक्रम सादगी से होंगे। अखिल भारतीय भेंट प्रतियोगिता, शोभा यात्रा और दंगल जैसे आयोजन नहीं किए जाएंगे। अंतिम फैसला श्राइन बोर्ड और प्रशासन की बैठक में लिया जाएगा।
व्यापारियों और मजदूरों को राहत की उम्मीद
व्यापारियों ने सरकार से लोन चुकाने में छह माह की राहत और राहत पैकेज की मांग की है। कटरा चैंबर अध्यक्ष ने बताया कि ड्राई फ्रूट व्यापारियों को 150 से 200 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, करीब 12 हजार घोड़े, पिट्ठू और पालकी मजदूरों की रोजी-रोटी 18 दिन बंद रही, जिससे वे बेहद प्रभावित हुए।
वैष्णो देवी में कितने दिन लगते हैं?
वैष्णो देवी की यात्रा में आम तौर पर 1 से 2 दिन का समय लगता है, जिसमें कटरा से माता भवन तक की चढ़ाई और भैरों बाबा के दर्शन शामिल होते हैं। यात्रा का कुल समय इस बात पर निर्भर करता है कि आप पैदल, घोड़े या हेलीकॉप्टर से यात्रा करते हैं और दर्शन में कितना समय लगाते हैं।
वैष्णो देवी का इतिहास क्या है?
वैष्णो देवी का इतिहास पुराणों में मिलता है, जिसमें देवी त्रिकला के लक्ष्मी भाग से उत्पन्न होकर महिषासुर का वध करती हैं, और यह घटना शतशृंग पर्वत पर हुई। मंदिर की कहानी त्रिकुटा पर्वत पर माता के रूप में विराजित देवी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने राक्षस भैरों का वध किया था। बाद में भैरों ने पश्चाताप किया और देवी ने उन्हें वरदान दिया कि मेरे दर्शन के बाद तुम्हारे दर्शन करने पर ही भक्तों के दर्शन पूरे होंगे।
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