अहमदबाद प्लेन हादसे के बाद जांच रिपोर्ट आ आगयी जिसके बाद कॉकपिट के वॉयस रिकॉर्ड आये हैं, जिसमे दोनों इंजनों के फ्यूल बटन बंद करने की बात सामने आ रही है। इस रिपोर्ट के सामने आने आने के बाद खान सर का वीडियो सोशल मीडिया में ट्रेंड हो रहा है जिसमे जाँच रिपोर्ट आने के बाद पायलटों पर ही जबरी अपराध मढ़ने की बात करते नज़र आ रहें हैं।
भीषण हादसे ने देश को झकझोरा
अहमदाबाद, 14 जुलाई 2025: अहमदाबाद हवाई अड्डे पर 12 जून 2025 को हुए दिल दहला देने वाले विमान हादसे ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही मेघानीनगर में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।इस हादसे में 241 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों समेत 270 से अधिक लोगों की जान चली गई। चमत्कारिक रूप से केवल एक यात्री, रमेश विश्वास कुमार, जीवित बचे।
खान सर का बयान क्यों वायरल?
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर शिक्षक और यूट्यूबर खान सर का एक बयान तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि “बोइंग और एयर इंडिया को बचाने के लिए पायलटों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।” उनका यह बयान जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या तकनीकी खराबी को नजरअंदाज कर पायलटों पर दोष मढ़ा जा रहा है।
पायलटों पर क्यों उठ रहे सवाल?
प्रारंभिक जांच में को-पायलट क्लाइव कुंदर और मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल (8200 घंटे का अनुभव) पर सवाल उठाए गए हैं। दावा है कि को-पायलट ने गलती से ‘फ्लैप अप’ हैंडल खींच लिया, जिससे विमान ने लिफ्ट खो दी। इसके अलावा, फ्यूल स्विच ऑफ होने की बात भी सामने आई, जिसे कई विशेषज्ञ अविश्वसनीय मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमान के दोनों इंजन एक साथ कैसे फेल हो सकते हैं।

तकनीकी खराबी या मानवीय भूल?
खान सर ने इंजन की हालिया मरम्मत को हादसे का संभावित कारण बताया। उनका कहना है कि जांच में तकनीकी खामियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। ब्लैक बॉक्स बरामद हो चुका है, जिससे पायलट और एटीसी के बीच बातचीत का खुलासा हो सकता है।
पारदर्शी जांच की मांग
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान, “हादसों को कोई नहीं रोक सकता,” को असंवेदनशील बताया। जनता पारदर्शी जांच और जवाबदेही की मांग कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकें।