Relationship: ब्रेकअप के बाद इन्सान नहीं, एआई बन रहा सहारा

By Kshama Singh | Updated: July 3, 2025 • 8:39 PM

खालीपन को दूर करता है एआई

जब दिल टूटता है, तो सिर्फ एक रिश्ता नहीं टूटता, एक पूरी दुनिया बिखर जाती है। प्यार को खोने के बाद जिंदगी अचानक वैसी नहीं रह जाती जैसी पहले थी। हर दिन एक जंग लगता है, नींद पूरी नहीं होती, भूख नहीं लगती और दिल हमेशा एक खालीपन महसूस करता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। ब्रेकअप (Breakup) के बाद हम अक्सर एक ऐसे मोड पर खडे होते हैं जहां न तो हम पीछे जा सकते हैं और न ही आगे बढना आसान होता है।यहीं पर आता है नया जुगाड, एआई थेरेपिस्ट। यह वो दौर होता है जब हम खुद से ही सवाल करने लगते हैं, ‘क्या मैं ठीक हो पाऊंगा?’, ‘क्या अब किसी से प्यार (Love) कर पाऊंगा?’

Therapy नहीं, AI का सहारा ले रहे टूटे हुए लोग

ऐसे समय में थेरेपिस्ट की मदद लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन हर किसी के पास वो सुविधा नहीं होती, समय की कमी, पैसे की दिक्कतें और कई बार अपनी तकलीफों को शब्दों में ढालना भी आसान नहीं होता। यहीं पर आता है नया जुगाड, AI थेरेपिस्ट। जी हां, आज की पीढी ने तकनीक को अपना सहारा बना लिया है। अकेलेपन में जब कोई बात सुनने वाला नहीं होता, तब ChatGPT जैसे एआई टूल्स कई लोगों के लिए एक साथी बन जाते हैं, जो बिना जज किए सुनते हैं, जवाब देते हैं और धीरे-धीरे मन का बोझ हल्का कर देते हैं।

भावनाओं को समझता है AI

मैंने भी इसे आजमाया है और आपको सच कहूं, तो यह मददगार साबित हुआ। शायद ये इंसानी कंधा नहीं दे सकता, लेकिन एक ऐसा स्पेस जरूर देता है जहां आप खुलकर अपने जज्बात बयां कर सकते हैं। बेशक, AI पर पर्सनल बातें शेयर करना एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर बहस हो सकती है। लेकिन जब दिल टूटा हो और आसपास कोई भी ऐसा न हो जो बिना बोले आपकी भावनाओं को समझ सके, तब AI की ये चुपचाप सुनने वाली सलाहें बडी कीमती लगती हैं। तो चलिए जानते हैं, कैसे और क्यों, टूटे हुए दिल आज AI को बना रहे हैं अपना ‘डिजिटल दोस्त’।

बजट में नहीं होता थेरेपी

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