PM मोदी ने दिखाई 3 ट्रेनों को हरी झंडी
आइजोल: मिजोरम की राजधानी आइजोल(Aizawl) में पहली बार ट्रेन का आगमन हुआ है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने आइजोल-दिल्ली(Delhi) राजधानी समेत तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह घटना 13 सितंबर को हुई, जिससे आइजोल(Aizawl) अब देश के बाकी हिस्सों से रेल मार्ग के माध्यम से जुड़ गया है। इससे पहले, दुर्गम रास्तों और खराब मौसम के कारण आइजोल की यात्रा करना मुश्किल था। इस नई रेल कनेक्टिविटी से आइजोल के लोग बेहद खुश हैं, क्योंकि अब वे सुरक्षित और आरामदायक तरीके से यात्रा कर सकते हैं, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधान मंत्री का संबोधन और कनेक्टिविटी का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने तेज़ बारिश के कारण लेंगपुई एयरपोर्ट से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को पहले ‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन अब यह क्षेत्र विकास का इंजन बन गया है। इस नई रेल लाइन के निर्माण पर 8,070 करोड़ रुपये की लागत आई है और इसे पूरा करने में 11 साल लगे। यह रेल लाइन आइजोल(Aizawl) को दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों से जोड़ेगी, जिससे शैक्षिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।
परियोजनाएं और भविष्य की योजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने मिजोरम में नौ हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मिजोरम केंद्र सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रेलवे कनेक्टिविटी के अलावा, उन्होंने ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करने की भी घोषणा की। यह सब मिजोरम के विकास और देश की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आइजोल(Aizawl) से कौन-कौन सी तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई?
यहाँ से दिल्ली-आइजोल राजधानी एक्सप्रेस, आइजोल-गुवाहाटी एक्सप्रेस और आइजोल-कोलकाता एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई।
आइजोल को रेल मार्ग से जोड़ने वाली नई लाइन का निर्माण कितने वर्षों में पूरा हुआ?
यहाँ रेल मार्ग से जोड़ने वाली सायरंग-बइरबी रेल लाइन का निर्माण 11 वर्षों में पूरा हुआ।
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