अमेरिकी नेताओं से क्या बात हुई, भारत ने खोल दिया राज
भारत ने ट्रंप के भारत-पाक सीजफायर दावों को झूठा बताया. विदेश मंत्रालय ने कहा, कश्मीर पर तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं. पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा।
रोजाना 21 झूठबोलने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर एक के बाद एक दावे कर डाले. यहां तक कह डाला कि पाकिस्तान न्यूक्लियर अटैक करने वाला था, मैंने भारत को बताया तब उन्होंने सीजफायर किया. फिर कहा, हमने भारत पाकिस्तान को कह दिया था कि अगर जंग नहीं रोकी तो हम ट्रेड नहीं करेंगे. बाद में कहा, कश्मीर पर भारत पाकिस्तान के बीच विवाद में हम मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं. भारत ने ट्रंप के इन सारे दावों को झूठा बता दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा, अमेरिकी नेताओं से कश्मीर, ट्रेड पर कोई बात नहीं हुई. भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, जब हम दुनिया के अन्य देशों से बात कर रहे थे तो भारत का संदेश बिल्कुल स्पष्ट था. जो बात हम सार्वजनिक तौर पर कह रहे थे, वही बात दुनिया के किसी भी नेता से पर्सनल बातचीत में भी थी. हमने साफ कह दिया था कि अगर पाकिस्तानी सेना गोलीबारी करती है तो भारतीय सेना भी जवाबी गोलीबारी करेगी. अगर पाकिस्तान रुकता है तो भारत भी रुक जाएगा. यही संदेश ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के समय पाकिस्तान को दिया गया था, जिस पर उस समय पाकिस्तान ने ध्यान नहीं दिया. स्वाभाविक है कि कई विदेशी नेताओं ने हमसे यह बात सुनी होगी और अपने पाकिस्तानी साथियों को भी इसके बारे में बताया होगा।
कश्मीर पर तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, जहां तक कश्मीर की बात है. हमारा लंबे समय से यही रुख रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान मिलकर सुलझाएंगे. हमने यह नीति नहीं बदली है. किसी तीसरे देश का इसमें दखल बिल्कुल भी मंजूर नहीं है. अब अगर बातचीत होनी है तो सिर्फ पीओके पर होनी है, जो पाकिस्तान के कब्जे में है. सिर्फ वही मसला अब बचा हुआ है. पाकिस्तान को पीओके खाली करना ही होगा।
परमाणु युद्ध की अटकलों पर
विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत का मिलिट्री एक्शन कन्वेंशनल था. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी. लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पर बैठक होने से इनकार किया. हमारा रुख साफ है कि हम न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकने वाले हैं. हम इसके नाम पर आतंक का अड्डा चलाने की अनुमति नहीं देंगे. दुनियाभर के देशों से बातचीत में भी हमने इसे साफ कर दिया है।