Karnataka Belgaum : मंदिर में मिला आस्था का अद्भुत खजाना

By Surekha Bhosle | Updated: July 11, 2025 • 12:50 PM

दानपेटी खुलते ही सामने आए करोड़ों रुपये और कीमती धातुएं

कर्नाटक के बेलगावी (Belgaum) जिले में स्थित प्रसिद्ध सवदत्ती येल्लम्मा मंदिर (Yellamma Temple) को 3.81 करोड़ रुपये, 42 लाख से ज्यादा का सोना-चांदी आदि दान में मिला है। इसका Video भी सामने आया है

कर्नाटक के बेलगावी Belgaum जिले में स्थित सवदत्ती येल्लम्मा मंदिर में चढ़े दान का वीडियो सामने आया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक, मंदिर में रिकॉर्ड ₹3.81 करोड़ का दान चढ़ाया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने मंदिर में बड़ी मात्रा में सोने के आभूषण और चांदी भी दान में दिया है। आपको बता दें कि ये दान इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि ये सिर्फ 3 महीने का ही दान है लेकिन बीते दो वर्ष में मिले दान से दोगुना है। आइए जानते हैं कि मंदिर को दान से कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ है।

मंदिर को दानम में क्या-क्या मिला?

बेलगावी Belgaum जिले के सवदत्ती तालुका में स्थित सवदत्ती येल्लम्मा मंदिर में, 1 अप्रैल से 30 जून, 2025 तक तीन महीने की अवधि में 3.81 करोड़ का दान प्राप्त हुआ है। यह दान एक रिकॉर्ड है, जो पिछले दो वर्षों के आंकड़ों से लगभग दोगुना है। आपको बता दें कि 2023 में मंदिर को 1.65 करोड़ रुपये और 2024 में इसी अवधि के दौरान 1.96 करोड़ रुपये का दान मंदिर को मिला था।

मंदिर प्रशासन के अनुसार, दान में शामिल हैं:

    3.81 करोड़ रुपये, ₹42 लाख से ज्यादा का सोना-

    कर्नाटक के बेलगावी Belgaum जिले में स्थित सवदत्ती येल्लम्मा मंदिर में चढ़े दान का वीडियो सामने आया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक, मंदिर में रिकॉर्ड ₹3.81 करोड़ का दान चढ़ाया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने मंदिर में बड़ी मात्रा में सोने के आभूषण और चांदी भी दान में दिया है। आपको बता दें कि ये दान इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि ये सिर्फ 3 महीने का ही दान है लेकिन बीते दो वर्ष में मिले दान से दोगुना है। आइए जानते हैं कि मंदिर को दान से कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ है।

    मंदिर को दानम में क्या-क्या मिला?

    बेलगावी जिले के सवदत्ती तालुका में स्थित सवदत्ती येल्लम्मा मंदिर में, 1 अप्रैल से 30 जून, 2025 तक तीन महीने की अवधि में ₹3.81 करोड़ का दान प्राप्त हुआ है। यह दान एक रिकॉर्ड है, जो पिछले दो वर्षों के आंकड़ों से लगभग दोगुना है। आपको बता दें कि 2023 में मंदिर को 1.65 करोड़ रुपये और 2024 में इसी अवधि के दौरान 1.96 करोड़ रुपये का दान मंदिर को मिला था।

    मंदिर प्रशासन के अनुसार, दान में शामिल हैं:

    क्यों हुई मंदिर के राजस्व में वृद्धि?

    सवदत्ती येल्लम्मा  मंदिर के राजस्व में यह उल्लेखनीय वृद्धि विभिन्न सुधारात्मक पहलों और उन्नत सुविधाओं के कारण हुई है, जिससे उत्तरी कर्नाटक में पूज्य शक्ति देवी के मंदिर में अधिक से अधिक श्रद्धालु आ रहे हैं। मंदिर विकास प्राधिकरण के सचिव अशोक दुदागुंती ने कहा कि एकत्रित धनराशि मंदिर के विकास कार्यों और बुनियादी ढाँचे के उन्नयन के लिए समर्पित की जाएगी।

    बेलगाम क्यों प्रसिद्ध है?

    बेलगाम न केवल अपने इतिहास के लिए बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। इसे मलेनडू या रेन कंट्री के रूप में भी जाना जाता है और पूरे साल वनस्पति हरी हरी भरी रहती है। बेलगाम का अतीत काफी विविध है। भारतीय प्रायद्वीप पर अपने रणनीतिक स्थान के कारण यह कई बार उग आया था।

    कर्नाटक का प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?

    चेन्नाकेशव मंदिर या विजयनारायण मंदिर कर्नाटक में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है। भगवान चेन्नाकेशव (भगवान विष्णु का एक रूप) को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा विष्णुवर्धन ने करवाया था। मंदिर की दीवारों पर की गई शानदार कलाकृतियाँ और जटिल नक्काशी उस समय के लोगों के जीवन को दर्शाती हैं।

    बेलगाम का इतिहास क्या है?

    बेलगाम छावनी देश की उन 62 छावनियों में से एक है, जो छावनी अधिनियम, 2006 द्वारा शासित हैं। यह कर्नाटक राज्य का एकमात्र छावनी है। रामकृष्ण मिशन आशरम, एक अभियोग के साथ जहां स्वामी विवेकानंद पूरे भारत में अपने यात्रा के दौरान रुके थे। इनके अतिरिक्त, बेलगाम छावनी एक प्रसिद्ध शिक्षात्मक केंद्र भी है।

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