BLA पर प्रतिबंध रुका
न्यूयॉर्क: अमेरिका(America) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी आत्मघाती यूनिट मजीद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। इस प्रस्ताव को पाकिस्तान और चीन ने मिलकर पेश किया था, जिसमें उन्होंने BLA को एक प्रतिबंधित संगठन घोषित करने की मांग की थी। पाकिस्तान ने दावा किया था कि BLA और अन्य आतंकी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करके सीमा पार हमले कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका(America) ने खुद पिछले महीने ही BLA को एक विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित किया था, फिर भी उसने इस प्रस्ताव का विरोध किया। ब्रिटेन और फ्रांस ने भी अमेरिका का समर्थन किया।
अमेरिका के विरोध का कारण
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका(America) ने कहा कि BLA को अल-कायदा से जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। यही कारण है कि इसे संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। इस सूची में आने पर किसी भी संगठन पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियार खरीदने पर रोक लग जाती है। हालांकि, अमेरिका(America) ने पिछले महीने यह स्वीकार किया था कि BLA ने कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट पर आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। BLA ने मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाइजैक करने की भी जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 31 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया था।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) क्या है?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाला सबसे ताकतवर संगठन है। BBC के अनुसार, यह संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया था, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव काफी बढ़ा है। बलूचिस्तान के लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उन्हें जबरन पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था, जबकि वे एक आजाद देश के रूप में रहना चाहते थे। BLA पाकिस्तानी सरकार और चीन से बलूचिस्तान को मुक्त कराना चाहता है, क्योंकि उनका मानना है कि बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने 2007 में BLA को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध सूची क्या है और इसका क्या महत्व है?
संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध सूची एक महत्वपूर्ण तंत्र है जिसका उपयोग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा अल-कायदा, ISIS, और उनसे जुड़े व्यक्तियों और समूहों पर प्रतिबंध लगाने के लिए किया जाता है। इस सूची में शामिल होने पर किसी भी व्यक्ति या संगठन की संपत्ति फ्रीज हो जाती है, उस पर यात्रा प्रतिबंध लग जाता है, और उसे हथियार खरीदने से रोका जाता है। अमेरिका ने BLA को इस सूची में शामिल करने का विरोध किया, क्योंकि उसके अनुसार BLA को अल-कायदा से सीधे तौर पर जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे।
पाकिस्तान और चीन ने मिलकर यह प्रस्ताव क्यों रखा?
पाकिस्तान और चीन ने मिलकर यह प्रस्ताव इसलिए रखा क्योंकि दोनों देशों के लिए BLA एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गया है। पाकिस्तान में BLA द्वारा किए गए हमलों के अलावा, यह संगठन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में चल रही चीनी परियोजनाओं और श्रमिकों को भी निशाना बनाता है। दोनों देशों का मानना है कि BLA को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित करने से उसे मिलने वाली फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगेगी।
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