लोकसभा के मॉनसून सत्र के दौरान 29 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर (Opreration Sindoor) और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस और सपा, पर तीखा हमला बोला। प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर “राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है।“
शाह ने प्रियंका गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “विपक्ष को इतिहास से सबक लेना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने 22 मिनट में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। यह भारत की ताकत और संकल्प का प्रतीक है।” उन्होंने पहलगाम हमले पर खुफिया विफलता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “हमारी खुफिया एजेंसियां पूरी तरह सतर्क थीं। हमले के 48 घंटे बाद ही आतंकियों को मार गिराया गया। विपक्ष जवाबदेही की बात करता है, लेकिन क्या वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली ताकतों की निंदा करेगा?”
राहुल गांधी और अखिलेश यादव के सवालों पर शाह ने तंज कसा, “कुछ लोग नोट्स पढ़कर और वीडियो दिखाकर देश की सेना का मनोबल तोड़ना चाहते हैं। यह वही लोग हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते थे।” उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, “एक परिवार की विरासत को बचाने के लिए राष्ट्रीय गौरव को दांव पर लगाना बंद करें।”
शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर में किसी भी वैश्विक दबाव में नहीं झुके और न ही पाकिस्तान को कोई रियायत दी गई। उन्होंने कहा, “भारत अब कमजोर नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने वाला देश है।” विपक्ष के हंगामे के बीच शाह ने जोर देकर कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है, लेकिन “विपक्ष को पहले अपनी मानसिकता बदलनी होगी।”
इस जवाब ने संसद में तीखी बहस को और गरमा दिया, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और जवाबदेही पर तकरार साफ दिखाई दी।
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