33 से बढ़कर 36 हो गई है बाघों की संख्या
हैदराबाद। अमराबाद टाइगर रिजर्व (ATR) द्वारा बाघ संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों से वांछित परिणाम मिल रहे हैं, लेकिन कई रिक्तियों और विभाग से समर्थन की कमी के कारण कर्मचारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एटीआर में बाघों की संख्या इस साल 33 से बढ़कर 36 हो गई है और अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले दो सालों में यह संख्या और बढ़ेगी। हालाँकि, एटीआर कर्मचारियों को सीमित संसाधनों के साथ शिकार-रोधी उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने में कई चुनौतियों (Challenges) का सामना करना पड़ रहा है।
केवल 148 कर्मचारी ही कार्यरत हैं रिजर्व में
एटीआर के लिए स्वीकृत कर्मचारियों की संख्या 315 से ज़्यादा है, लेकिन वर्तमान में रिज़र्व में केवल 148 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। एटीआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 50 प्रतिशत से ज़्यादा रिक्तियों के कारण, मौजूदा कर्मचारियों पर नियमित प्रशासन, क्षेत्रीय निरीक्षण, शिकार-रोधी उपायों, जागरूकता कार्यक्रमों और सफारी का भार है। इसके अलावा, रिजर्व में घायल पशुओं के उपचार तथा वन्यजीव स्वास्थ्य की निगरानी के लिए पशुचिकित्सक दल का भी अभाव है।
50 बेस कैंप करने होते हैं स्थापित
2600 वर्ग किलोमीटर में फैले एक बाघ अभयारण्य के लिए कम से कम 50 बेस कैंप स्थापित करने होते हैं। इसके विपरीत, अभयारण्य में केवल 29 कैंप ही कार्यरत हैं। दिलचस्प बात यह है कि 2015 वर्ग किलोमीटर में फैले कवाल बाघ अभयारण्य में लगभग 50 बेस कैंप स्थापित किए गए हैं। फिर भी, अभयारण्य में बाघों की मौत और उनके शिकार होने के कई मामले सामने आए हैं। वन क्षेत्रों में रणनीतिक स्थानों पर आधार शिविर स्थापित किए जाते हैं ताकि अवैध शिकार की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और उसके अनुसार कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, शिविरों में कार्यरत कर्मचारियों को वन संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन, क्षेत्रीय निरीक्षण और अन्य गतिविधियों का कार्यभार भी सौंपा जाता है।
अन्यत्र भेजने का भी रखा गया प्रस्ताव
2022 में हुई पिछली बाघ गणना के बाद, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने एटीआर को कम से कम 70 आधार शिविर स्थापित करने की विशेष रूप से अनुशंसा की थी। साथ ही, बाघ संरक्षण उपायों को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीएफ) के गठन का भी निर्देश दिया गया था। हालाँकि, वित्तीय बाधाओं और अन्य कारकों के कारण वन विभाग इन आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ है। मामले को और उलझाते हुए, एटीआर से कुछ कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर अन्यत्र भेजने का प्रस्ताव भी रखा गया। लेकिन अधिकारी ने बताया कि रिज़र्व में चल रही गतिविधियों का हवाला देते हुए ऐसी योजनाओं का कड़ा विरोध किया गया।

Tiger की उम्र कितनी होती है?
बाघ (Tiger) की औसतन उम्र जंगल में 10 से 15 साल होती है, जबकि चिड़ियाघर या अभयारण्यों में यह 20 साल तक भी जीवित रह सकता है। उसकी उम्र का निर्धारण उसके स्वास्थ्य, वातावरण और शिकार की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
दुनिया का सबसे बड़ा टाइगर कौन सा है?
दुनिया का सबसे बड़ा टाइगर साइबेरियन टाइगर (Siberian Tiger) है, जिसे अमूर टाइगर भी कहा जाता है। यह आकार और वजन दोनों में सबसे बड़ा होता है। इसका वजन 300 किलो तक और लंबाई लगभग 10 फीट तक हो सकती है।
भारत में टोटल कितने टाइगर हैं?
भारत में 2023 की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 3,682 बाघ हैं, जो विश्व की बाघ जनसंख्या का 70% से अधिक है। भारत बाघों की संख्या के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर है। प्रमुख बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड में हैं।
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