आंध्र प्रदेश एआई-संचालित शासन के युग में प्रवेश कर रहा है: Chandrababu Naidu
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. Chandrababu Naidu ने शनिवार को राज्य के प्रशासनिक तंत्र को एक नए युग में प्रवेश दिलाते हुए घोषणा की कि अब राज्य की शासन प्रणाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित होगी। उन्होंने इसे “AI-Driven Governance” की शुरुआत बताया, जिससे सरकार की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी।
क्यों है यह कदम खास?
“हमें भविष्य की तरफ देखना है। एआई को शासन में शामिल कर हम जनता को बेहतर सेवाएं दे सकते हैं,”
– Chandrababu Naidu , सीएम आंध्र प्रदेश
इस घोषणा के साथ आंध्र प्रदेश भारत के उन पहले राज्यों में शामिल हो गया है, जिसने सार्वजनिक सेवाओं को AI तकनीकों से सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है।

क्या होगा एआई-गवर्नेंस में?
- डाटा एनालिटिक्स आधारित निर्णय: नीतियों का निर्माण रीयल टाइम डेटा के आधार पर होगा।
- स्वचालित सेवाएं: प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रेशन, शिकायत निवारण जैसी सेवाएं AI की मदद से ऑटोमेट होंगी।
- प्रभावी निगरानी: सरकारी परियोजनाओं की निगरानी ड्रोन, सेंसर और AI विजन से होगी।
- पारदर्शिता में वृद्धि: घोटालों और अनियमितताओं पर ऑटोमैटिक अलर्ट।
- कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा में उपयोग: स्मार्ट विश्लेषण से किसान, छात्र और मरीजों को मिलेगा व्यक्तिगत समाधान।
किन विभागों में पहले होगा प्रयोग?
- राजस्व विभाग: ज़मीन संबंधी मामलों में पारदर्शिता लाने के लिए।
- स्वास्थ्य विभाग: मरीजों का डेटा AI से एनालाइज़ कर जल्दी इलाज और संसाधनों का सही उपयोग।
- शिक्षा विभाग: छात्रों की प्रगति पर AI आधारित रिपोर्टिंग और सुझाव।
- पुलिस और होम डिपार्टमेंट: क्राइम मैपिंग और पैटर्न एनालिसिस।
तकनीकी सहयोग और निवेश
राज्य सरकार इस परियोजना को सफल बनाने के लिए प्राइवेट AI टेक कंपनियों और IITs के साथ मिलकर काम कर रही है। स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को सरकार द्वारा विशेष फंडिंग और एक्सेस दी जाएगी।
जनता को क्या लाभ?
- लंबी कतारों और बाबूगिरी से मुक्ति
- सरकारी सेवाओं तक तेजी से और ट्रैक करने योग्य पहुंच
- करप्शन में कमी
- योजनाओं का प्रभावी और समय पर क्रियान्वयन
- डिजिटल समावेश और सशक्त नागरिक
क्या चुनौतियां होंगी?
- डेटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी को लेकर चिंता
- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी
- कर्मचारियों को AI के साथ तालमेल में समय लगेगा
- इंफ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभाव

भारत के लिए क्या उदाहरण बनेगा आंध्र?
आंध्र प्रदेश की यह पहल संभवतः अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन सकती है। जैसे-जैसे तकनीक का दायरा बढ़ेगा, शासन भी उसके अनुरूप बदलना आवश्यक होगा।
आंध्र प्रदेश का एआई-संचालित शासन में प्रवेश एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है। यह पहल केवल प्रशासन की कुशलता नहीं बढ़ाएगी, बल्कि जनता को सेवाओं का स्मार्ट, पारदर्शी और समयबद्ध अनुभव भी देगी। यदि सही दिशा में लागू किया गया, तो यह पहल आने वाले वर्षों में पूरे भारत के लिए गवर्नेंस का नया मानक बन सकती है।