बकाया राशि के कारण Andhra Pradesh के निजी अस्पतालों ने बंद की कैशलेस सेवाएं, मरीजों की बढ़ी मुश्किलें
Andhra Pradesh की डॉ. एनटीआर वैद्य सेवा योजना के अंतर्गत चल रही कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं अब संकट में हैं। राज्य के कई निजी अस्पतालों ने बकाया राशि के भुगतान में हो रही देरी के कारण इस योजना के अंतर्गत कैशलेस इलाज अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इससे मरीजों और उनके परिजनों के सामने गंभीर समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
क्यों बंद हुई कैशलेस सेवा?
निजी अस्पतालों का कहना है कि सरकार द्वारा लंबे समय से भुगतान नहीं किया गया है। कई अस्पतालों पर करोड़ों रुपये की बकाया राशि है, जिससे उनके संचालन पर असर पड़ रहा है।
कुछ अस्पतालों ने बताया कि वे चिकित्सा सामग्री, दवाइयों और स्टाफ वेतन का खर्च भी नहीं उठा पा रहे हैं। इसलिए मजबूरन उन्हें एनटीआर वैद्य सेवा के तहत दी जा रही कैशलेस इलाज की सुविधा रोकनी पड़ी।

कौन है प्रभावित?
- गरीब और मध्यम वर्ग के वे मरीज जो इस योजना पर निर्भर थे।
- गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज जिनका इलाज अभी अधूरा है।
- ग्रामीण इलाकों के वे लोग जिनके पास निजी इलाज का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं है।
अस्पतालों का पक्ष
Andhra Pradesh प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा कि:
“हम वर्षों से बिना भुगतान के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अब हमारी वित्तीय स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि हमें सेवाएं रोकनी पड़ी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि जब तक राज्य सरकार बकाया राशि का भुगतान नहीं करती, तब तक कैशलेस सेवाएं बहाल नहीं की जा सकतीं।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि भुगतान प्रक्रिया में तकनीकी अड़चनों और बजट में देरी के कारण समस्या आई है।
वहीं, सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही एक समाधान निकालने की कोशिश कर रही है ताकि योजना को दोबारा शुरू किया जा सके।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर
इस घटनाक्रम का असर न केवल मरीजों पर, बल्कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ा है। कैशलेस सेवा बंद होने से:
- सरकारी अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है।
- इलाज के लिए निजी अस्पताल जाने वाले लोगों की संख्या घट गई है।
- कई मरीज समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण परेशान हैं।
समाधान की जरूरत
यह जरूरी है कि सरकार और निजी अस्पतालों के बीच संवाद हो और पारदर्शी भुगतान व्यवस्था बनाई जाए। साथ ही, इस योजना की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र तंत्र भी बनाया जाना चाहिए जो भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचा सके।
डॉ. एनटीआर वैद्य सेवा जैसी योजनाएं गरीबों के लिए जीवनदायिनी साबित होती हैं। अगर ऐसी योजनाएं व्यवस्थित तरीके से न चलाई जाएं, तो आम जनता को उसका खामियाज़ा भुगतना पड़ता है।
सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द भुगतान करे और इस महत्वपूर्ण योजना को दोबारा पटरी पर लाए, जिससे कि ज़रूरतमंद लोगों को बिना किसी आर्थिक बोझ के इलाज मिल सके।