विजयवाड़ा : राष्ट्रव्यापी स्वच्छता ही सेवा – 2025 (Swachhata Hi Seva) अभियान के अंतर्गत, दक्षिण मध्य रेलवे के विजयवाड़ा मंडल ने विजयवाड़ा (Vijayawada) स्थित रेलवे ऑडिटोरियम में एक जीवंत सांस्कृतिक उत्सव और अपशिष्ट से कला प्रदर्शनी का आयोजन किया।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन
इस कार्यक्रम में रचनात्मकता, प्रदर्शन और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से “अपशिष्ट से कला” के संदेश पर प्रकाश डाला गया। इस कला प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों, भारत स्काउट्स और गाइड्स, और विभिन्न रेलवे इकाइयों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, और सभी ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में विजयवाड़ा के मंडल रेल प्रबंधक ने लिया भाग
कार्यक्रम में विजयवाड़ा के मंडल रेल प्रबंधक, मोहित सोनकिया मुख्य अतिथि और अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) श्रीनिवास राव कोंडा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभागियों से बातचीत की और स्वच्छता के संदेश के प्रसार में उनके प्रयासों की सराहना की। तीन स्कूलों – पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1, आइकॉन पब्लिक स्कूल और जैक एंड जिल इंग्लिश मीडियम स्कूल – के कुल 120 छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। उनके साथ, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के 50 सदस्यों, जिनमें शावक और बुलबुल भी शामिल थे, ने अपनी सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम में रंग और उत्साह भरा।
“कचरे से कला” प्रदर्शनी में छात्रों की प्रतिभा का दिखा दम
“कचरे से कला” प्रदर्शनी को छात्रों द्वारा बेकार पड़ी सामग्रियों से निर्मित नवीन कृतियों के प्रदर्शन के लिए खूब सराहना मिली। उनकी रचनात्मकता ने कचरे को प्रेरणादायक कलात्मक अभिव्यक्तियों में बदल दिया, जो स्थायित्व के दर्शन को दर्शाती हैं। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 ने प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि आइकॉन पब्लिक स्कूल ने प्रतियोगिता में द्वितीय और तृतीय दोनों पुरस्कार प्राप्त किए।
इस भव्यता को और बढ़ाते हुए, विजयवाड़ा स्थित डीजल लोको शेड (डीएलएस) ने पूरी तरह से कबाड़ सामग्री से बने विशाल मॉडलों का एक शानदार संग्रह प्रदर्शित किया, जिसमें वंदे भारत ट्रेन का मॉडल, एक आदमकद घोड़ा, प्रतिष्ठित गोदावरी रेलवे ब्रिज और कृष्णा ब्रिज शामिल हैं। इसी प्रकार, काकीनाडा कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप डिपो ने चरखा, मोर, बिल्ली जैसी जटिल कलाकृतियों और रेलवे के कबाड़ से बने अन्य रचनात्मक मॉडलों का प्रदर्शन किया, जिन्हें उनके नवाचार और शिल्प कौशल के लिए आगंतुकों से व्यापक प्रशंसा मिली।
स्वच्छता ही सेवा 2025 का विषय क्या है?
“Swachhotsav” अर्थात स्वच्छता + उत्सव — यानी स्वच्छता को एक उत्सव की तरह मनाना।
स्वच्छता पखवाड़ा 2025 की थीम क्या है?
विभिन्न संस्थाएँ अलग-अलग थीम अपना सकती हैं। उदाहरण के लिए, STQC ने “Swachhata – Everyone’s Business” थीम अपनाई है।
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