असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने उच्च न्यायालय के मौजूदा परिसर को नये स्थान पर स्थानांतरित करने से जुड़े मतभेद के चलते बुधवार को गौहाटी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (जीएचसीबीए) से इस्तीफा दे दिया। शर्मा वर्ष 2001 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने जाने से पहले पेशेवर अधिवक्ता थे। शर्मा ने कहा कि उन्होंने ‘हितों के टकराव’ के कारण बार निकाय के अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज दिया है।
नए न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए हूं प्रतिबद्ध :हिमंत
शर्मा ने ग्वालपाड़ा में पंचायत चुनाव रैली से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के तौर पर मैं रंगमहल में नए न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हूं। बार निकाय सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। इस मामले में हितों के टकराव की बात सामने आने के बाद मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है।

रंगमहल स्थानांतरित किये जाने का विरोध
जीएचसीबीए शहर के मध्य में स्थित उच्च न्यायालय परिसर को मौजूदा स्थान से ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर रंगमहल स्थानांतरित किये जाने का विरोध कर रहा है। इसने दावा किया है कि न्यायालय परिसर को स्थानांतरित करने का निर्णय एकतरफा था और पर्याप्त बुनियादी ढांचा से रहित दूरदराज के क्षेत्र में स्थानांतरण कानूनी कार्यवाही को बाधित करेगा और वादियों तथा कानून से जुड़े पेशेवर लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
असम के मुख्यमन्त्री हैं हिमंत विश्व शर्मा
गौरतलब हो कि हिमंत विश्व शर्मा वर्तमान समय में असम के मुख्यमन्त्री हैं। उन्होंने 2001 से 2015 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट से असम के जालुकबारी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के रूप में और मई 2016 तक भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में विधायक के रूप में सेवा की है। 2016 में शर्मा असम विधानसभा के निर्वाचन में जीतकर शर्मा असम के कैबिनेट मन्त्री बने। बीजपी के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा उन्हें 2016 में नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायन्स (नेडा) का प्रमुख बनाया गया। हिमंत बिश्वा शर्मा असम के स्वास्थ्य मन्त्री भी रह चुके हैं। शर्मा ने 7 जून 2001 को रिनिकी भूया सरमा से विवाह किया, जिनसे उन्हें एक बेटा – नन्दील बिश्व शर्मा और एक बेटी-सुकन्या सरमा है।