छोड़ दिया गया 1,400 क्यूसेक पानी
हैदराबाद: जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के कारण हिमायत सागर (Himayat Sagar) जलाशय में सोमवार सुबह से पानी का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण तीन गेट खोलने पड़े हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘जलाशय का स्तर अपनी क्षमता के करीब पहुंचने के कारण, हिमायतसागर का एक और द्वार सोमवार सुबह 8 बजे 3 फीट ऊपर उठा दिया गया और मूसी नदी (Musi River) में 1,400 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया।‘
1,783 फीट था उस्मानसागर में जलस्तर
एचएमडब्ल्यूएसएसबी ने दोनों जलाशयों के वर्तमान आँकड़े मीडिया को जारी किए। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘सुबह 10 बजे तक, उस्मानसागर में जलस्तर 1,783 फीट था, जबकि जलाशय का पूर्ण टैंक स्तर (एफटीएल) 1,790 फीट था। साथ ही, ऊपरी इलाकों से 400 क्यूसेक पानी का प्रवाह प्राप्त हुआ।’ हिमायतसागर जलाशय में भी पिछले एक हफ्ते से पानी का प्रवाह जारी है। जलस्तर 1,762.60 फीट था, जबकि एफटीएल 1,763.50 फीट है। 2,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह और 2,400 क्यूसेक पानी का बहिर्वाह हुआ। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘एक गेट 1 फीट की ऊँचाई तक और दो गेट 3 फीट की ऊँचाई तक खोले गए हैं।’

हिमायत सागर झील कहाँ स्थित है?
तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर के पास स्थित यह झील मुसि नदी की एक सहायक धारा पर बनी है। यह शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है और पीने के पानी के प्रमुख स्रोतों में से एक मानी जाती है। आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली से भरपूर है।
हिमायत सागर का इतिहास क्या है?
उसका निर्माण 1920 के दशक में निज़ाम मीर उस्मान अली खान के शासनकाल में हुआ था। इसका नाम उनके बेटे प्रिंस हिमायत अली खान के नाम पर रखा गया। इसे मुख्यतः हैदराबाद शहर को पीने का पानी और बाढ़ नियंत्रण के उद्देश्य से बनाया गया था।
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