Attari border बंद होना: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के पतन का संकेत, व्यापार पर गंभीर प्रभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक गतिविधियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण रास्तों में से एक, अटारी-वाघा सीमा, हाल ही में बंद कर दी गई है। इस कदम ने न केवल दोनों देशों के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान पर ब्रेक लगाया है, बल्कि पाकिस्तान की पहले से ही डगमगाती अर्थव्यवस्था पर और गहरा असर डाला है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में
पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है।
- मुद्रास्फीति चरम पर है,
- विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है,
- और IMF जैसे वैश्विक संस्थानों पर पाकिस्तान की निर्भरता बढ़ गई है।
ऐसे में Attari border के बंद होने से पाकिस्तान के लिए जरूरी वस्तुओं जैसे औद्योगिक कच्चा माल, दवाइयां, और कृषि उत्पादों की आपूर्ति पर गहरा असर पड़ा है।

व्यापारिक आंकड़ों पर असर
भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सीमा से सालाना करीब 2 अरब डॉलर का व्यापार होता था।
- भारत से पाकिस्तान को मुख्यतः सीमेंट, टेक्सटाइल, फल-सब्जियाँ, केमिकल्स आदि निर्यात किए जाते थे।
- अब इस व्यापार के रुकने से दोनों ओर व्यापारियों को नुकसान हो रहा है, लेकिन पाकिस्तान के व्यापारी और उद्योग जगत ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी
Attari border से भारतीय सामान सस्ते दरों पर पाकिस्तान पहुंचता था। अब बंदी के बाद:
- घरेलू उत्पादन लागत बढ़ गई है।
- महंगाई दर और तेज़ी से बढ़ने की आशंका है।
- कई कारखानों को कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बेरोजगारी बढ़ने का खतरा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और संदेश
विशेषज्ञों के अनुसार Attari border का बंद होना सिर्फ एक व्यापारिक निर्णय नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है।
- भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और शांति साथ नहीं चल सकते।
- वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की छवि को और नुकसान हुआ है।

व्यापारियों और उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के व्यापार संगठनों ने सीमा बंद होने पर चिंता जताते हुए कहा:
“सीमा बंदी से केवल व्यापारी नहीं, बल्कि आम जनता भी प्रभावित होगी। सरकार को जल्द से जल्द वैकल्पिक समाधान ढूंढना चाहिए।”
भारत में भी पंजाब के व्यापारी इस रुकावट से प्रभावित हुए हैं, लेकिन भारत के पास अन्य व्यापारिक रास्ते और बाजार उपलब्ध हैं, इसलिए असर सीमित रहेगा।
Attari border बंद होने का सीधा और गंभीर प्रभाव पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। पहले से ही कर्ज, महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह एक और बड़ा झटका साबित हुआ है। आने वाले महीनों में इसका व्यापक असर पाकिस्तान के आंतरिक हालातों और आर्थिक स्थिरता पर दिखाई दे सकता है।