झंडा उतारने के समारोह के दौरान Attari-Wagah सीमा पर हाथ मिलाने और गेट खोलने पर रोक
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा चिंताओं के चलते Attari-Wagah सीमा पर होने वाले झंडा उतारने के पारंपरिक समारोह में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब बीएसएफ (BSF) और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच हाथ मिलाने की परंपरा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, साथ ही सीमा पर गेट भी नहीं खोला जाएगा।
क्या होता था पहले?
हर शाम को भारत और पाकिस्तान की सीमा पर Attari-Wagah बॉर्डर पर एक भव्य झंडा उतारने का समारोह (Beating Retreat Ceremony) होता है। इसमें दोनों देशों की सीमा सुरक्षा बलों के जवान ऊर्जावान मार्च, एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाने, और गेट खोलने की परंपरा निभाते थे, जिसे देखने हजारों लोग आते थे।
यह आयोजन एक परंपरा, शक्ति प्रदर्शन और कूटनीतिक सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

अब क्या बदला है?
बीएसएफ के अनुसार, हाल के दिनों में सुरक्षा कारणों, खासकर पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान संबंधों में ताजे तनाव को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है:
- गेट अब बंद ही रहेगा, केवल झंडा उतारने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
- सैनिक अब एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाएंगे, केवल औपचारिक दूरी बरती जाएगी।
- दर्शकों की संख्या पर भी संभवतः कुछ नियंत्रण लगाया जाएगा।
BSF अधिकारी की टिप्पणी
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“यह निर्णय वर्तमान सुरक्षा स्थिति को देखते हुए लिया गया है। झंडा उतारने का कार्यक्रम जारी रहेगा लेकिन पारंपरिक मेलजोल को रोक दिया गया है।”
क्या यह स्थायी है?
फिलहाल यह अस्थायी प्रतिबंध है। अधिकारियों का कहना है कि हालात सामान्य होने पर फिर से पुराने स्वरूप में वापसी की संभावना है, लेकिन अभी के लिए कड़ा सुरक्षा दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।
पर्यटन और जनता पर असर
- Attari-Wagah सीमा पर होने वाला यह समारोह पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
- हर शाम लगभग 5000 से ज्यादा लोग इसे देखने आते हैं।
- समारोह में बदलाव से थोड़ी निराशा हो सकती है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता है।

पृष्ठभूमि में क्या चल रहा है?
- हाल में भारत में हुए आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान से कूटनीतिक दूरी बढ़ाई जा रही है।
- भारत ने सिंधु जल संधि, व्यापार, और वीज़ा सहूलियतों को लेकर भी समीक्षा शुरू की है।
- जनभावना भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख की मांग कर रही है।
Attari-Wagah सीमा पर झंडा उतारने का समारोह अभी भी जारी रहेगा, लेकिन गेट खोलने और हाथ मिलाने जैसी पारंपरिक गतिविधियां फिलहाल स्थगित कर दी गई हैं। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।