आंध्र प्रदेश का खूबसूरत शहर विशाखापत्तनम इन दिनों राममय हो गया है. यहां के तट पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया गया है, जो हूबहू अयोध्या के मंदिर की तरह दिखता है। नीले समंदर की लहरों के पास बना ये मंदिर रात के समय रोशनी से ऐसा चमकता है जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया हो. इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं और हर कोई इसे देखकर मंत्रमुग्ध हो रहा है।
राम के दर्शन और सनातन धर्म का संदेश
इस राम मंदिर का निर्माण सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि राम की भावना और सनातन संस्कृति के प्रचार के उद्देश्य से किया गया है. आयोजक दुर्गा प्रसाद का कहना है कि इस मंदिर से लोग न सिर्फ भक्ति में लीन होते हैं, बल्कि राम के जीवन दर्शन को भी समझते हैं। इस पहल के ज़रिए राम की गाथा हर उम्र के लोगों तक पहुंचाई जा रही है।
91 फीट ऊंचा मंदिर, 24 घंटे का परिश्रम
- यह मंदिर समुद्र तट पर 91 फीट की ऊंचाई पर खड़ा है और इसकी हर मूर्ति, हर दीवार को बेहद खूबसूरती से तराशा गया है. मंदिर के निर्माण में गरुड़ ग्रुप ने पूरी मेहनत लगाई। दो महीने तक 5 इंजीनियर, 15 आर्किटेक्ट और 325 कर्मचारी दिन-रात काम में जुटे रहे. इसकी भव्यता देखकर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि ये एक अस्थायी सेट है, क्योंकि इसे किसी असली मंदिर की तरह ही बारीकी से बनाया गया है।
पहली बार प्रयागराज में दिखा था ये मंदिर
- इस राम मंदिर का पहला प्रदर्शन प्रयागराज कुंभ मेले में हुआ था, जहां इसे भारी सराहना मिली । वहीं से प्रेरणा लेकर इसे अब विशाखापत्तनम में स्थापित किया गया है. इसका हर हिस्सा अयोध्या के असली मंदिर से मेल खाता है, जिससे भक्तों को लगता है मानो वे वास्तव में अयोध्या में भगवान राम के सामने खड़े हैं।
विशेष देवता बलराम की भी स्थापना
- इस मंदिर में भगवान राम के साथ बलराम नाम के एक विशेष देवता की भी स्थापना की गई है । जो इसे और भी खास बनाती है. यह पहल अयोध्या के मूल मंदिर की विशेषताओं को भी उजागर करती है। जहां हर तत्व का एक आध्यात्मिक महत्व है।
- सोशल मीडिया पर छा गया यह मंदिर
- रात में खास लाइटिंग के साथ यह मंदिर और भी अद्भुत नजर आता है. युवा यहां आकर फोटो खिंचवाते हैं और सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. इससे न केवल मंदिर की सुंदरता फैली है बल्कि राम भक्ति की लहर भी ऑनलाइन दुनिया में बह रही है।
- 45 दिनों तक मिलेगा मुफ्त दर्शन का लाभ
- यह राम मंदिर सेट आने वाले 45 दिनों तक सभी श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त दर्शन हेतु खुला रहेगा. आयोजकों का मानना है कि न केवल विशाखापत्तनम बल्कि अन्य राज्यों से भी लोग यहां आएंगे और राम भक्ति का अनुभव करेंगे।