Ayodhya News: राम दरबार में दर्शन के लिए नहीं करना होगा इंतजार! रामभक्तों के लिए आई बड़ी खुशखबरी

By Kshama Singh | Updated: June 7, 2025 • 6:05 PM

10 दिन के अंदर शुरू हो सकते हैं राम दरबार में दर्शन

अयोध्या में पांच जून को राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की स्थापना की गई थी। रामभक्तों को जल्द ही उनके दर्शन करने का मौका मिल सकता है। ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है। रामभक्तों के लिए अयोध्या से अच्छी खबर है। 10 दिन के अंदर राम मंदिर के पहले तल पर हाल ही में प्रतिष्ठित राम दरबार के दर्शन शुरू हो जाएंगे।

इसके लिए Ram मंदिर ट्रस्ट विचार कर रहा है। भगवान राम की नगरी में राम मंदिर निर्माण के बाद अब राम दरबार की स्थापना हो चुकी है। राम मंदिर में राम दरबार की स्थापना के साथ राम मंदिर निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को मंदिर परिसर में चल रहे काम और उन पर होने वाली चर्चाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी।

जहां टेंट में विराजमान थे रामलला, वहां सर्वे कर रहा पुरातत्व विभाग

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि Ram मंदिर के परिसर में Ram जन्म स्थान यानी कि जहां पर रामलला टेंट में विराजमान थे, उस स्थल पर एएसआई पुरातत्व विभाग की टीम सर्वे कर रही है। इसके साथ ही मंदिर निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि Ram दरबार में 10 दिन के अंदर दर्शन शुरू हो सकता है। Ram मंदिर ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि इस पर चर्चा कर रहे हैं। भगवान के दरबार में जाने और आने को लेकर Ram मंदिर ट्रस्ट व्यापक इंतजाम में जुटा हुआ है।

पुष्करणी कुंड का निर्माण अंतिम चरण में, पंचवटी निर्माण का तैयार हो रहा मास्टर प्लान

वहीं, Ram मंदिर परिसर में सप्तऋषि मंदिरों के बीच में पुष्करणी कुंड का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है। निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि पंचवटी निर्माण में प्रकृति से कोई भी छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। यथास्थिति रखते हुए वहां पर पौधे लगाए जा रहे हैं ताकि पशु पक्षियों को पानी पीने और उसका लाभ लेने में कोई असुविधा न हो। इसका निर्माण कार्य कंपनी की ओर से किया जा रहा है। एक महीने में इसका मास्टर प्लान भी लगभग तैयार हो जाएगा।

राम मंदिर के दूसरे तल पर संरक्षित किए जाएंगे दुर्लभ ग्रंथ

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि भूतल में रामलला विराजमान हो चुके हैं तो प्रथम तल पर उनका पूरा परिवार, इसके साथ मंदिर के दूसरे तल पर ऐसे ग्रंथ जो अपनी परिभाषा में दुर्लभ कहलाए और भगवान Ram से संबंधित होंगे, उनको संरक्षित किए जाने का काम किया जाएगा। सभी तलों पर क्या-क्या होगा, इसको निश्चित कर लिया गया है। राम मंदिर के उत्तर दिशा में एक माह के अंदर मंदिर के द्वार का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसे 15 अगस्त तक निश्चित तौर पर पूरा कर लिया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय समेत भारत सरकार की कई संस्थाओं ने किया निर्माण में सहयोग

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि Ram मंदिर में भारत सरकार की अनेक संस्थाओं ने सहयोग किया है। इसमें सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट के अलावा रेल मंत्रालय का सहयोग रहा है। जहां रामलला टेंट में विराजमान थे, वहां एएसआई की टीम सर्वे कर रही है। 500 वर्षों के लंबे संघर्ष पर वहां पुरातत्व विभाग की टीम रिसर्च करेगी। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से राम मंदिर में टाइटेनियम की जाली लगाई जा रही है। सभी संस्थाओं को राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से भुगतान किया गया है।

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