हैदराबाद। तेलंगाना पिछड़ा वर्ग आयोग ने तेलंगाना राज्य के गठन के बाद तेलंगाना पिछड़ा वर्ग सूची से छूटी हुई 26 जातियों को शामिल करने के लिए दूसरे दिन सुबह 11 बजे से शाम 5:00 बजे तक जन सुनवाई की। सुनवाई में बीसी कमीशन के अध्यक्ष जी. निरंजन, सदस्य रापोलू जयप्रकाश, तिरुमलगिरी सुरेंदर, बाला लक्ष्मी रंगू, उप निदेशक यू. श्रीनिवास राव, विशेष अधिकारी जी. सतीश कुमार और अनुसंधान अधिकारी जी. लक्ष्मीनारायण उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान आयोग ने 56 अभ्यावेदनों की जांच की।
बीसी ‘ए’ समूह से संबंधित विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों ने भी की अपील
गवारा, तुरपुकापु (गजुलकापु), सेट्टीबलिजा, नागवमसम और कोप्पुलावेलामा के प्रतिनिधि आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और अनुरोध किया कि उनकी जातियों को तेलंगाना पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल किया जाए। इस अवसर पर सेट्टी बलिजा जाति की ओर से आंध्र प्रदेश के राज्यसभा सांसद पाका वेंकट सत्यनारायण और आंध्र प्रदेश के श्रम मंत्री वासमसेट्टी सुभाष ने बात की।
वहीं, तेलंगाना बीसी ‘ए’ समूह से संबंधित विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों ने आयोग से अपील की कि हटाई गई 26 जातियों को सूची में शामिल न किया जाए। आयोग कार्यालय में कल भी जनसुनवाई जारी रहेगी। इसके एक दिन पहले आयोग ने सुनवाई की थी और विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों की बात सुनी थी।
तेलंगाना पिछड़ा वर्ग आयोग ने सोमवार को भी की थी सुनवाई
तेलंगाना बीसी कमीशन ने तेलंगाना राज्य के गठन के बाद तेलंगाना बीसी जाति सूची से हटाई गई 26 जातियों को शामिल करने की याचिकाओं पर सोमवार को भी जन सुनवाई की। जन सुनवाई बीसी आयोग के अध्यक्ष जी. निरंजन, सदस्य श्री रापोलू जयप्रकाश, तिरुमालगिरी सुरेंदर, बाला लक्ष्मी रंगू, सदस्य सचिव बाला माया देवी आईएएस, उप निदेशक यू. श्रीनिवास राव, विशेष अधिकारी जी. सतीश कुमार और अनुसंधान अधिकारी जी. लक्ष्मीनारायण द्वारा की गई थी।
सुनवाई के दौरान बीसी कमीशन ने 13 अभ्यावेदनों की जांच की। कलिंगा और तुरपु कापू जाति संघ आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और अनुरोध किया कि उनकी जातियों को तेलंगाना बीसी सूची में शामिल किया जाए। हालांकि, तेलंगाना बीसी संरक्षण समिति, तेलंगाना प्रदेश गंगापुत्र संगम और तेलंगाना के बुद्धिजीवियों ने आयोग से 26 जातियों को शामिल न करने की अपील की।