कौन अंदर, कौन बाहर… टीम इंडिया के नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से किसका होगा करोड़ों का नुकसान?

टीम इंडिया

बीसीसीआई जल्दी ही टीम इंडिया का नया सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट जारी कर सकती है। अब इसमें किसका फायदा होगा और किसका नुकसान ये तो बाद में पता चलेगा। लेकिन उसमें कई खिलाड़ियों के अंदर-बाहर होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।

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टीम इंडिया के नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट को बीसीसीआई की ओर सेजल्दी जारी किया जा सकता है। इस बार के सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट को लेकर दिलचस्पी इसलिए है क्योंकि उसमें कई सारे उलटफेर देखने को मिल सकते हैं। ये उलटफेर होते इसलिए दिखेंगे क्योंकि कई बड़े नामों ने या तो क्रिकेट ही छोड़ दी या फिर किसी एक फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो किसी फॉर्मेट में खेल नहीं रहे मगर कॉन्ट्रेक्ट में हैं। बीसीसीआई उन खिलाड़ियों को बाहर कर कुछ नए चेहरों को मौका दे सकती है।

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इन खिलाड़ियों को कम से कम 2 करोड़ का नुकसान हो सकता है

बीसीसीआई की तरफ से टीम इंडिया का जो सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट जारी किया जाता है, उसमें खिलाड़ियों को 4 ग्रेड में बांटा जाता है। ग्रेड ए प्लस, ग्रे़ड ए, ग्रेड बी और ग्रेड सी। पुराने सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में ग्रेड ए प्लस में 4 खिलाड़ी हैं। इस ग्रेड में वो खिलाड़ी शामिल होते हैं जो तीनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया में सक्रिय रहते हैं। लेकिन, चूंकि अब बुमराह के अलावा उस ग्रेड में शामिल रोहित, विराट, जडेजा ने T20 से संन्यास ले लिया है, तो हो सकता है कि बीसीसीआई उनके ग्रेड को बदलने का फैसला करे। ऐसे हुआ तो उन तीनों को कम से कम 2 करोड़ तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सिराज को भी हो सकता है नुकसान

रोहित-विराट-जडेजा के अलावा नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में मोहम्मद सिराज का भी ग्रेड कम किया जा सकता है। वो अभी ग्रेड ए में हैं। लेकिन, लगता नहीं ही नए कॉन्ट्रेक्ट में वो इस ग्रेड को बरकरार रख पाएंगे। बीसीसीआई उन्हें ग्रेड ए से ग्रेड बी में डाल सकती है। मतलब उन्हें भी ऐसा होने पर 2 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

किस ग्रेड के खिलाड़ी को कितना पैसा?

ग्रेड ए प्लस के खिलाड़ियों को बीसीसीआई की तरफ से सालाना 7 करोड़ रुपये मिलते हैं। वहीं ग्रेड ए के खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपये मिलते हैं। ग्रेड बी में 3 करोड़ रुपये सालाना देने का प्रावधान है, वहीं ग्रेड सी के खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपये मिलते हैं। अब अगर रोहित, विराट, जडेजा को ग्रेड ए प्लस से ग्रेड ए में डाला जाता है, तो नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट के तहत उन्हें 7 की जगह 5 करोड़ ही मिलेंगे। मतलब 2 करोड़ रुपये कम।

नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से कौन अंदर, कौन बाहर?

अब सवाल है कि नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में किसकी लॉटरी लगेगी और किस खिलाड़ी की बत्ती बुझेगी। मतलब वो इससे बाहर होगा। जिन खिलाड़ियों को नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से बीसीसीआई बाहर करने की सोच सकता है उनमें रजत पाटीदार, केएस भरत, जितेश शर्मा, आर। अश्विन, आवेश खान जैसे खिलाड़ियों के नाम हो सकते हैं। इनमें से अश्विन तो संन्यास ले लेने के चलते नए सालाना करार से बाहर होंगे। वहीं बाकी खिलाड़ियों की किसी भी फॉर्मेट में नहीं बन रही जगह उनके बाहर होने की वजह बन सकती है। इनमें अश्विन को छोड़ सभी खिलाड़ी ग्रेड सी के हैं। मतलब उन्हें अभी तक जो सालाना 1 करोड़ मिलते थे, अगर वो नए कॉन्ट्रेक्ट से बाहर होते हैं तो नहीं मिलेंगे।

बीसीसीआई इन खिलाड़ियों को बाहर कर श्रेयस अय्यर को फिर से कॉन्ट्रेक्ट में वापसी करा सकती है। अनुशासनहीनता के चलते अय्यर का कॉन्ट्रेक्ट पिछली बार छिन गया था। अय्यर के अलावा वरुण चक्रवर्ती, हर्षित राणा दो ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में शामिल होना लगभग तय लग रहा है। ये खिलाड़ी अगर नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में आते हैं तो उन्हें कितनी रकम मिलेगी वो पूरी तरह से उनकी ग्रेडिंग से तय होगी।

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