पर्यटकों का हुआ आकर्षण
आदिलाबाद। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद आदिलाबाद जिले में मौसमी झरने जीवंत हो उठे हैं, जिससे प्रकृति प्रेमी काफी प्रसन्न हैं। यह क्षेत्र कई मौसमी झरनों का घर है, जिनमें नेराडिगोंडा मंडल (Neradigonda Mandal) में गायत्री और कोराटिकल, बजरहथनूर में कनकई, इकोडा में पेद्दागुंडम, खंडाल गांव में दार्लोड्डी और आदिलाबाद ग्रामीण मंडल में लोहारा शामिल हैं। अन्य उल्लेखनीय झरनों में तामसी मंडल में गुंजला, लिंगपुर में मिट्टे या सप्तगुंडला, केरामेरी में बाबेझारी, येल्लम्माकुंटा (Yellamakunta), तिरयानी मंडल में गुंडाला और चिंतालमदारा और कुमराम भीम आसिफाबाद जिले के आसिफाबाद मंडल में समुतुलगुंडम शामिल हैं।
झरनों को बारिश ने कर दिया जीवित
मूसलाधार बारिश ने पोचेरा, चिंतालमदरा, गुंडाला, पिल्लीगुंडम, गायत्री और खंडाला जैसे झरनों को पुनर्जीवित कर दिया है। ये अल्पकालिक प्राकृतिक चमत्कार अब तेलंगाना और पड़ोसी महाराष्ट्र से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। पर्यटक और स्थानीय लोग समान रूप से इन स्थलों पर उमड़ रहे हैं और सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो खूब साझा कर रहे हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रभावशाली लोगों ने भी इन मनोरम स्थलों के पुनरुत्थान का दस्तावेजीकरण शुरू कर दिया है।
जलप्रपात ऊपरी इलाकों में हुई बारिश
इस स्थल का प्रबंधन करने वाली ईको-टूरिज्म समिति के अध्यक्ष थुमराम गोपाल ने कहा, ‘कुमराम भीम आसिफाबाद जिले के तिरयानी मंडल में स्थित चिंतालमदरा जलप्रपात ऊपरी इलाकों में हुई बारिश के बाद बुधवार को फिर से जीवंत हो उठा। इस मानसून में यह पहली बार अपने पूरे शबाब पर बह रहा है। इस छिपे हुए रत्न की एक झलक पाना अद्भुत नज़ारा है, जहाँ 50 फीट की ऊँचाई से पानी एक कुंड में गिरता है।’ इनमें से कई प्राकृतिक आकर्षणों तक पहुँचने के लिए उचित सड़कें, सुविधाएँ, आवास, शौचालय और पेयजल की सुविधा का अभाव है। पर्यटक अक्सर जीप, ऑटो-रिक्शा और निजी वाहनों का सहारा लेते हैं, और फिर झरनों तक पहुँचने के लिए लंबी पैदल यात्रा करते हैं।
अनधिकृत पार्टियों के कारण भी हुई हैं आकस्मिक मौतें
सुरक्षा उपायों का अभाव एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। कई झरनों में डूबने की घटनाएँ सामने आई हैं, खासकर ऐसे युवा जो पानी की गहराई या फिसलन भरे इलाके से अनजान होकर पानी में उतर जाते हैं। चेतावनी संकेतों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी जोखिम को और बढ़ा देती है। इन झरनों पर शराब पीने और अनधिकृत पार्टियों के कारण भी आकस्मिक मौतें हुई हैं, और अधिकारी इन स्थानों पर नियमन या रोकथाम के उपाय लागू करने में विफल रहे हैं।

बारिश से आप क्या समझते हैं?
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जलवाष्प संघनित होकर जल की बूंदों के रूप में धरती पर गिरता है। यह मौसम चक्र का हिस्सा है और जीवन के लिए आवश्यक है। बारिश से पेड़-पौधों को पानी मिलता है और तापमान में ठंडक आती है।
बारिश होने का मुख्य कारण क्या है?
इसका मुख्य कारण वायुमंडल में जलवाष्प का संघनन है। जब गर्मी से पानी वाष्प बनकर ऊपर उठता है और ठंडी परतों से टकराता है, तो वह बूंदों में बदल जाता है। ये बूंदें भारी होकर धरती पर वर्षा के रूप में गिरती हैं।
बारिश कितने प्रकार की होती है?
यह मुख्यतः तीन प्रकार की होती है: संवहनीय वर्षा (Convectional), पर्वतीय वर्षा (Orographic), और चक्रवातीय वर्षा (Cyclonic)। इनका वर्गीकरण वायुमंडलीय स्थितियों और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार किया जाता है। प्रत्येक प्रकार की बारिश का कारण और क्षेत्र अलग होता है।
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