Bengaluru : 60 किमी मेट्रोलाइट योजना पर कार्य आरंभ, 2027 तक हो सकता है लॉन्च
बेंगलुरुवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। शहर की भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए सरकार ने 60 किलोमीटर लंबी मेट्रोलाइट योजना पर काम शुरू कर दिया है। यह प्रोजेक्ट Bengaluru मेट्रो की तुलना में कम लागत में, छोटे स्तर पर, लेकिन उच्च प्रभाव के साथ विकसित किया जा रहा है।
मेट्रोलाइट योजना के प्रमुख बिंदु:
- कुल लंबाई: लगभग 60 किलोमीटर
- लक्ष्य वर्ष: 2027 तक परियोजना को पूरा करने की योजना
- मुख्य उद्देश्य: ट्रैफिक दबाव कम करना, उपनगरीय इलाकों को मुख्य शहर से जोड़ना
- कम लागत का निर्माण: मेट्रो के मुकाबले सस्ता, लेकिन कारगर विकल्प

किन इलाकों को मिलेगा लाभ?
इस मेट्रोलाइट परियोजना के अंतर्गत कई ऐसे क्षेत्र हैं जो अब तक मेट्रो नेटवर्क से वंचित थे। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- इलेक्टॉनिक सिटी से जुड़ने वाले बाहरी इलाके
- व्हाइटफ़ील्ड और हेब्बल जैसे हाई-ट्रैफिक ज़ोन
- यलहंका, बन्नरघट्टा रोड और सरजापुर इलाकों में कनेक्टिविटी
निर्माण और तकनीकी पहलू:
- एलिवेटेड ट्रैक होंगे, ताकि सड़क पर ट्रैफिक प्रभावित न हो।
- थ्री-कोच ट्रेनें चलेंगी, जिनकी रफ्तार लगभग 60–70 किमी प्रति घंटा होगी।
- स्टेशन डिज़ाइन आधुनिक लेकिन कॉम्पैक्ट होंगे।
फंडिंग और लागत:
- इस योजना की लगभग लागत ₹9,000 करोड़ आंकी गई है।
- परियोजना को राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर फंड करेंगे।
- पीपीपी मॉडल (Public-Private Partnership) के तहत भी कुछ सेक्शन बनाए जा सकते हैं।
संभावित फायदे:
- शहरी आवागमन होगा और अधिक सुगम
- प्रदूषण में आएगी कमी
- ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
- कार्यस्थलों तक तेज पहुंच से बढ़ेगी उत्पादकता
- उपनगरीय क्षेत्रों में रियल एस्टेट को मिलेगा बढ़ावा

भविष्य की योजनाएं:
- योजना के पहले चरण का निर्माण 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य
- इसके बाद सभी रूटों का संचालन 2027 तक शुरू होने की उम्मीद
- भविष्य में इसे नम्मा मेट्रो के नेटवर्क से भी जोड़ा जा सकता है
Bengaluru में मेट्रोलाइट योजना का कार्यान्वयन एक बड़ा शहरी परिवहन सुधार है। यह न केवल शहर की भीड़ को कम करेगा, बल्कि स्थायी और पर्यावरण अनुकूल विकल्प भी प्रदान करेगा। अगर समय पर परियोजना पूरी होती है, तो यह Bengaluru को स्मार्ट सिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।