महंगाई दर में लगातार तीसरे महीने गिरावट
मई 2025 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट लगातार तीसरे महीने देखने को मिली है, जिससे आम जनता और उद्योगों दोनों को राहत मिली है।
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी
- इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण खाद्य वस्तुओं, विशेषकर अनाज, सब्जियों और दालों की कीमतों में आई नरमी है। थोक बाजार में इन वस्तुओं की कीमतें स्थिर या कम होती दिख रही हैं, जिससे घरेलू बजट पर दबाव कुछ कम हुआ है।
ईंधन और विनिर्माण वस्तुओं में भी गिरावट
- ईंधन (जैसे पेट्रोल और डीजल) और विनिर्माण क्षेत्र की वस्तुओं की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र को लागत में राहत मिली है और उत्पादन में सुधार की संभावना बढ़ी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार सुधार
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में WPI महंगाई दर पिछली तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम रही। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहा, तो ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन सकती है।
- देश के लिए महंगाई के मोर्चे से अच्छी खबर सामने आ रही है. भारत में थोक महंगाई की दर मई में घट गई है. मुद्रास्फ्रीति अप्रैल महीने से मई में कम हो गई है. जहां महंगाई अप्रैल में 0.85 प्रतिशत पर थी. वह मई में घटकर 0.39 प्रतिशत पर गई है।
- देश के लिए महंगाई के मोर्चे से अच्छी खबर सामने आ रही है. भारत में थोक महंगाई की दर मई में घट गई है. मुद्रास्फ्रीति अप्रैल महीने से मई में कम हो गई है. जहां महंगाई अप्रैल में 0.85 प्रतिशत पर थी. वह मई में घटकर 0.39 प्रतिशत पर गई है।
- थोक महंगाई 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई. इससे आम आदमी को काफी राहत मिलेगी. खाने-पीने और जरूरत के सामानों की कीमत में कटौती करने के चलते महंगाई में कमी है. इससे पहले मार्च 2024 में थोक महंगाई दर 0.26 प्रतिसत रही थी. वहीं, अगर बात अप्रैल महीने की करें तो उसमें थोक महंगाई की दर 2.05 प्रतिशत से कम होकर 0.85 प्रतिशत पर गई थी।