Bihar के छिपे हुए ऐतिहासिक रत्न: 7 कम ज्ञात स्थान जहां आपको अवश्य जाना चाहिए
Bihar को अक्सर नालंदा, बोधगया और राजगीर जैसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। हालांकि, राज्य के कोने-कोने में ऐसे कई ऐतिहासिक रत्न भी छिपे हुए हैं, जिन्हें आमतौर पर पर्यटक नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, अगर आप इतिहास के प्रेमी हैं और कम भीड़भाड़ वाले स्थलों की तलाश में हैं, तो यह सूची आपके लिए है। नीचे हम बिहार के सात ऐसे ऐतिहासिक स्थानों का उल्लेख कर रहे हैं जो कम जाने-पहचाने हैं लेकिन बेहद महत्वपूर्ण हैं।
1. विशुहरनाथ मंदिर, वैशाली
वैशाली जिला न केवल महावीर और बुद्ध से जुड़ा है बल्कि यहां स्थित विशुहरनाथ मंदिर अपनी प्राचीनता और वास्तुशिल्प के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह हिन्दू और बौद्ध स्थापत्य शैली का अद्भुत मिश्रण है।
क्यों जाएं: धार्मिक महत्व और शांति का अनुभव करने के लिए।
कैसे पहुंचे: पटना से 55 किमी की दूरी पर।

2. नारथुआ मस्जिद, किशनगंज
अफगानी वास्तुकला की झलक लिए यह मस्जिद 14वीं शताब्दी की है। यह स्थान इतिहास प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है।
क्यों जाएं: अफगान स्थापत्य और ऐतिहासिक महत्त्व को करीब से देखने के लिए।
रोचक तथ्य: मस्जिद के पत्थरों पर कुरान की आयतें खुदी हुई हैं।

3. गोगाबील झील, कटिहार
हालांकि यह एक प्राकृतिक स्थल है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है। यह क्षेत्र पहले बौद्ध और हिन्दू धार्मिक गतिविधियों का केंद्र था।
क्यों जाएं: प्रकृति और इतिहास का अनूठा संगम देखने के लिए।
फोटोग्राफी के लिए: बर्ड वॉचिंग और सनसेट के अद्भुत दृश्य।

4. पावापुरी जल मंदिर, नालंदा
हालांकि यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है, लेकिन इसकी गहराई और स्थापत्य को बहुत कम लोग पूरी तरह से समझ पाते हैं।
क्यों जाएं: जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर महावीर की निर्वाण भूमि देखने के लिए।
वास्तुशिल्प: सफेद संगमरमर से निर्मित, एक शांत झील के बीचोंबीच।

5. रोपण मंदिर, औरंगाबाद
यह स्थान पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां समय बिताया था।
क्यों जाएं: पौराणिकता और ग्रामीण संस्कृति का अनुभव करने के लिए।
कम भीड़भाड़: यह स्थल अभी पर्यटन के मुख्य नक्शे पर नहीं है।

6. चंदा देवी मंदिर, सासाराम
सासाराम शेरशाह सूरी के मकबरे के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह मंदिर इससे कहीं ज्यादा गहराई लिए हुए है। यह शक्ति उपासना का प्रमुख स्थल है।
क्यों जाएं: आध्यात्मिक ऊर्जा और प्राचीन इतिहास का अनुभव।
फेस्टिव टाइम: नवरात्रि में यहां विशेष मेले का आयोजन होता है।

7. अशोक स्तंभ, कोल्हुआ
वैशाली जिले के कोल्हुआ में स्थित यह अशोक स्तंभ बुद्ध की शिक्षाओं से जुड़ा है। यहीं बुद्ध ने कई उपदेश दिए थे और स्तूप के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं।
क्यों जाएं: मौर्यकालीन इतिहास और बौद्ध दर्शन को समझने के लिए।
खास बात: यह स्तंभ एक ही पत्थर से बना है और आज भी अचल खड़ा है।

हालांकि Bihar को अक्सर पारंपरिक नजरिए से देखा जाता है, लेकिन इसके भीतर इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला की कई अनकही कहानियाँ छुपी हैं। इसलिए अगली बार जब आप बिहार जाएं, तो इन कम प्रसिद्ध लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण स्थलों को अपने यात्रा कार्यक्रम में अवश्य शामिल करें। ये स्थल न केवल आपको समृद्ध इतिहास से परिचित कराएंगे, बल्कि यात्रा को भी और अधिक सार्थक बनाएंगे।