डिजिटल करेंसी ने रचा नया इतिहास
बिटकॉइन(Bitcoin) ने एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1.08 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। 2009 में लगभग शून्य से शुरू हुई इस करेंसी का सफर रहस्यमयी कहानियों से भरा है। इसके निर्माता सतोशी नाकामोतो(Satoshi Nakamoto) कौन हैं, आज तक कोई नहीं जान पाया। बिटकॉइन(Bitcoin) के इतिहास में पहला पिज्जा ट्रांजैक्शन भी दुनिया के सामने अनोखी मिसाल बन चुका है।
बिटकॉइन(Bitcoin) की शुरुआत और पहला पिज्जा लेनदेन
2008 में आर्थिक संकट गहराया था और बैंकों पर भरोसा डगमगाने लगा था। इसी बीच एक गुमनाम शख्स ने खुद को सतोशी नाकामोतो बताते हुए डिजिटल करेंसी का विचार रखा। 3 जनवरी 2009 को बिटकॉइन का पहला ब्लॉक ‘जेनिसिस ब्लॉक’ बना और दुनिया को एक नई मुद्रा का परिचय मिला।
22 मई 2010 को बिटकॉइन(Bitcoin) से पहली बार वस्तु खरीदी गई। फ्लोरिडा(Florida) के प्रोग्रामर लास्जलो हैन्येज ने 10,000 बिटकॉइन देकर दो पिज्जा मंगवाए। उस समय इनकी कीमत मात्र 41 डॉलर थी, लेकिन आज यही बिटकॉइन 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के हैं। इस घटना को अब ‘बिटकॉइन पिज्जा डे’ कहा जाता है।
सतोशी की गुमनामी और गायब होना

बिटकॉइन के संस्थापक सतोशी नाकामोतो ने 2008 में व्हाइटपेपर जारी किया और 2009 में सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। वे फोरम्स पर सक्रिय रहते और डेवलपर्स के साथ तकनीकी चर्चा करते थे। लेकिन 2011 में अचानक उन्होंने विदाई संदेश भेजा और हमेशा के लिए गायब हो गए।
आज भी उनकी असली पहचान पर रहस्य बना हुआ है। कुछ लोग उन्हें जापानी मानते हैं, तो कुछ का कहना है कि यह कई विशेषज्ञों का समूह था। उनके वॉलेट में करीब 10 लाख बिटकॉइन हैं, जिनकी कीमत अरबों डॉलर है, लेकिन कभी इस्तेमाल नहीं किए गए।
गुमनाम रहने की संभावित वजहें
सतोशी की पहचान छिपाने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं। पहला, सुरक्षा—क्योंकि बिटकॉइन ने पूरी वित्तीय व्यवस्था को चुनौती दी और सरकारें उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती थीं। दूसरा, विकेंद्रीकरण की सोच—वे नहीं चाहते थे कि बिटकॉइन का चेहरा कोई एक व्यक्ति बने।
तीसरा कारण साजिशों से बचना माना जाता है। यदि उनकी पहचान सामने आती, तो लोग उन पर निजी लाभ या किसी सरकार से जुड़ाव का शक कर सकते थे। गुमनाम रहकर उन्होंने तकनीक और उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित रहने दिया। यही कारण है कि बिटकॉइन आज दुनिया की सबसे चर्चित डिजिटल करेंसी बन चुकी है।
बिटकॉइन(Bitcoin) पिज्जा डे कब मनाया जाता है?
22 मई 2010 को हुए पहले ट्रांजैक्शन की याद में हर साल 22 मई को बिटकॉइन पिज्जा डे मनाया जाता है। इस दिन लास्जलो हैन्येज ने 10,000 बिटकॉइन देकर दो पिज्जा खरीदे थे।
सतोशी नाकामोतो क्यों गायब हो गए?
2011 में उन्होंने अंतिम ईमेल भेजकर कहा कि वे अन्य कामों में व्यस्त हैं और बिटकॉइन अब सुरक्षित हाथों में है। माना जाता है कि उन्होंने अपनी पहचान छिपाकर विवाद और राजनीतिक दबाव से बचने की कोशिश की।
क्या सतोशी के पास बिटकॉइन मौजूद हैं?
हाँ, उनके वॉलेट में लगभग 10 लाख बिटकॉइन बताए जाते हैं। इनकी मौजूदा कीमत अरबों डॉलर है, लेकिन अब तक इन बिटकॉइनों को कभी खर्च या स्थानांतरित नहीं किया गया।
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