पाक सेना पर हमले जारी रखने की चेतावनी
इस्लामाबाद: अमेरिका द्वारा बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए BLA) को आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद, इस गुट ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। बीएलए ने वॉशिंगटन के फैसले को खारिज करते हुए साफ कहा कि इससे उनके अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। संगठन ने ऐलान किया कि वह पाकिस्तानी(Pakistani) सेना के खिलाफ अपना सशस्त्र संघर्ष जारी रखेगा।
अमेरिका के फैसले को बीएलए ने ठुकराया
बीएलए(BLA) प्रवक्ता जीयंद बलूच(Jiyand Baloch) ने कहा कि उन्हें ऐसे कदम की पहले से उम्मीद थी और यह उन्हें न तो हैरान करता है और न ही डराता है।
उन्होंने कहा कि बीएलए पाकिस्तान(Pakistan) के सैन्य वर्चस्व के खिलाफ एक प्रतिरोधी बल के रूप में कार्यरत है और अपनी मातृभूमि की मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
बलूचिस्तान पर कब्जे का आरोप
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने 1948 में बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा किया था, और यही उनकी लड़ाई की जड़ है।
उनका कहना था कि बीएलए का संघर्ष बलूच राष्ट्रीय गौरव और स्वतंत्रता के लिए है, और इसके लिए उन्हें किसी अंतरराष्ट्रीय मान्यता की आवश्यकता नहीं है।
निशाने पर पाकिस्तानी सेना और खुफिया नेटवर्क
बीएलए के अनुसार, उनके लड़ाके केवल पाकिस्तानी सेना, फ्रंटियर कोर और उनके खुफिया नेटवर्क को निशाना बनाते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका विरोध न तो पाकिस्तान के आम नागरिकों से है और न ही किसी वैश्विक शक्ति से।
पीछे हटने का सवाल ही नहीं
बीएलए प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि अमेरिकी घोषणा के बावजूद वे अपनी वैचारिक और सैन्य ‘क्रांति’ से पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक बलूचिस्तान को राष्ट्रीय मुक्ति और संप्रभुता नहीं मिलती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
अमेरिका ने बीएलए को आतंकी संगठन क्यों घोषित किया?
अमेरिका ने बीएलए को बलूचिस्तान और आस-पास के क्षेत्रों में हिंसक हमलों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के कारण विदेशी आतंकी संगठन की सूची में डाला है।
BLA की सक्रियता किन क्षेत्रों में है?
बीएलए मुख्य रूप से बलूचिस्तान में सक्रिय है, लेकिन इसकी गतिविधियां ईरान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों तक फैली हुई हैं।
बीएलए का विद्रोह कब तेज हुआ?
विशेषज्ञों के अनुसार, 2006 में बलूच नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद बीएलए का विद्रोह और अधिक तीव्र हो गया था।
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