1990 की रोमांटिक हिट ‘आशिकी’ से प्रसिद्धि पाने वाली अनू अग्रवाल ने 1990 के दशक में बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के बीच के गंदे संबंधों के बारे में खुलकर बात की है। उस दौर को याद करते हुए, उन्होंने उस समय की फिल्म इंडस्ट्री को “गंदा” बताया, यह कहते हुए कि कई फिल्में अंडरवर्ल्ड द्वारा फाइनेंस की जाती थीं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि वह नहीं जानती कि आज की इंडस्ट्री कैसी है, लेकिन उनके बयान हिंदी सिनेमा पर एक समय में मंडराने वाले साये की गंभीर याद दिलाते हैं।
‘सारा पैसा अंडरवर्ल्ड से आता था’
पिंकविला के साथ बातचीत में, अनू अग्रवाल ने खुलासा किया कि 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बीच गहरे संबंध थे। उन्होंने बताया कि उस समय अधिकांश फिल्म फाइनेंसिंग ऑफ-द-रिकॉर्ड डील्स के जरिए होती थी, और दाऊद इब्राहिम जैसे नामचीन अंडरवर्ल्ड फिगर्स पर्दे के पीछे से सब कुछ नियंत्रित करते थे। उनके अनुसार, उस समय बॉलीवुड में बहने वाला लगभग सारा पैसा अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ था, जो एक ऐसे उद्योग की तस्वीर पेश करता है जो बिल्कुल अलग नियमों पर काम करता था।
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अचानक मिली शोहरत और भारी ध्यान
‘आशिकी’ से अनू अग्रवाल रातों-रात एक राष्ट्रीय सनसनी बन गईं और तुरंत ही उन्हें भारी संख्या में प्रशंसक मिलने लगे। लेकिन यह तीव्र शोहरत एक कीमत के साथ आई। लगातार मिलने वाला ध्यान और निजी जीवन की कमी धीरे-धीरे उनके लिए असहनीय हो गया, जिससे उन्होंने आखिरकार ग्लैमर की दुनिया से दूरी बना ली।
उस दौर को याद करते हुए अनू ने कहा कि उनकी सुरक्षा को अक्सर खतरा रहता था — प्रशंसक उनके घर के बाहर डेरा डालकर बैठते थे, कुछ तो सिर्फ उनकी एक झलक पाने के लिए विदेशों से उड़कर आते थे। सौभाग्य से, वह एक एमएलए-एमपी बिल्डिंग में रहती थीं जहाँ पुलिस सुरक्षा थी, लेकिन फिर भी यह दीवानगी बहुत ज्यादा थी। तुलना करते हुए उन्होंने इसे आज के शाहरुख खान को मिलने वाले ध्यान के बराबर बताया — उन्होंने यह भी बताया कि उस समय शाहरुख उनके पड़ोसी थे — और स्वीकार किया कि यह सब इतना तीव्र हो गया था कि उन्होंने अंततः इंडस्ट्री छोड़ने का निर्णय लिया।
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अधूरी फीस और अचानक खत्म हुआ करियर
अनू अग्रवाल ने अपने डेब्यू फिल्म ‘आशिकी’ के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया — फिल्म की जबरदस्त सफलता के बावजूद, उन्होंने दावा किया कि उन्हें उनके काम की पूरी फीस कभी नहीं मिली। उसी बातचीत के दौरान, उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ 60 प्रतिशत फीस दी गई और बाकी 40 प्रतिशत आज तक बकाया है।
‘आशिकी’ की भारी सफलता के बाद अनू अग्रवाल ने ‘ग़ज़ब तमाशा’, ‘किंग अंकल’, ‘राम शस्त्र’ जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि, 1999 में हुए एक दर्दनाक कार एक्सीडेंट ने उनके करियर को अचानक विराम दे दिया। इस दुर्घटना में वह 29 दिनों तक कोमा में रहीं, और ठीक होने के बाद उन्होंने दोबारा कभी अभिनय नहीं किया। उनकी आखिरी फिल्म 1996 की थ्रिलर ‘रिटर्न ऑफ ज्वेल थीफ’ थी