बुधवार (19 मार्च, 2025) को तेलंगाना विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कियाजाएगा। । उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, जो वित्त वित्त मंत्री भी है बुधवार को सदन में बजट पेश करेंगे। जबकि वित्त विभाग के अधिकारियों ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक वित्त विवरण को दुरुस्त करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। कहा जा रहा हैकि इस बार 3.2 लाख करोड़ रुपये के साथ बजट पेश किये जाने की संभाना है। सरकार तत्काल पतिबद्धताओं को पूरा करने के लिएकटिबद्ध नजरआ रही है।
राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने 12 मार्च को विधानमंडल की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में कहा, “हालांकि कई बार ये संख्याएँ चुनौतीपूर्ण लग सकती हैं,। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि हर आवंटन के पीछे हमारे लोगों की आकांक्षाएँ छिपी होती हैं।” उन्होंने कुल व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना का संकेत दिया। चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व अर्जित करने वाले विभागों का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा।
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा जारी अनंतिम आँकड़ों के अनुसार, जनवरी के अंत में कुल प्राप्तियाँ ₹1.82 लाख करोड़ थीं, जो बजट अनुमानों में अनुमानित ₹2.74 लाख करोड़ का 66.57% है, जबकि वित्तीय वर्ष (2024-25) के समापन में सिर्फ़ दो महीने बचे हैं। और, प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा उधार और अन्य देनदारियों के रूप में ₹58,586 करोड़ था, जो वित्त वर्ष के लिए अनुमानित ₹49,255 करोड़ से ₹9,000 करोड़ अधिक था।
राज्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय समायोजन सुविधाओं जैसे विशेष आहरण सुविधा, अर्थोपाय अग्रिम और ओवरड्राफ्ट पर निर्भर है। उदाहरण के लिए, राज्य ने दिसंबर के सभी 31 दिनों के लिए विशेष आहरण सुविधा पर निर्भर होकर ₹4,560 करोड़ का लाभ उठाया और इसने 31 दिनों में से 24 दिनों के लिए अर्थोपाय अग्रिम का लाभ उठाकर ₹1,776.29 करोड़ कमाए। वित्त वर्ष 2025-26 में अधिक राजस्व की उम्मीद है हालांकि अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए करों में वृद्धि की गुंजाइश दूर की कौड़ी लगती है, लेकिन सरकार इस वित्त वर्ष में अधिक राजस्व की उम्मीद कर सकती है। इसका कारण कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि की प्रस्तावित नीलामी तथा इस वर्ष के अंत में होने वाली खुदरा शराब दुकानों की नीलामी है, जिससे अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।