ट्रंप की चेतावनी से बेअसर एप्पल
नई दिल्ली: अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल(Apple) ने भारत सरकार को स्पष्ट किया है कि उसका भारत में विस्तार धीमा करने का कोई इरादा नहीं है। कंपनी करीब 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश करके आईफोन(iPhone) निर्माण क्षमता को 40 मिलियन यूनिट से बढ़ाकर 60 मिलियन यूनिट सालाना करने की तैयारी कर रही है। इस अतिरिक्त उत्पादन का बड़ा हिस्सा निर्यात के लिए होगा, खासकर अमेरिका को भेजा जाएगा। ट्रंप के विरोध के बावजूद भारत में विस्तार की योजना आगे बढ़ रही है।
भारत में निवेश और उत्पादन बढ़ाएगा एप्पल
एप्पल(Apple) ने भारत में iPhone 17 का असेंबलिंग कार्य शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने भारत सरकार को भरोसा दिया है कि निवेश और उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी। एप्पल के लिए भारत अब एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल(Apple) इस विस्तार के जरिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को और मजबूत करना चाहता है। कंपनी का उद्देश्य चीन(China) पर निर्भरता कम करना और भारत में उत्पादन केंद्रों को बढ़ावा देना है। इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
ट्रंप के विरोध के बीच कायम रहेगा विस्तार
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आईफोन निर्यात का विरोध जताया था। हालांकि फिलहाल स्मार्टफोन और कंप्यूटर नए अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित नहीं हैं। यही कारण है कि एप्पल ने अपने विस्तार कार्यक्रम को जारी रखने का निर्णय लिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में एप्पल का विस्तार भविष्य में और तेजी से बढ़ेगा। सरकार भी इस निवेश का स्वागत कर रही है क्योंकि इससे रोजगार और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिलेगा। एप्पल के लिए भारत वैश्विक व्यापार रणनीति में अहम स्थान बना रहा है।
एप्पल भारत में कितना निवेश कर रहा है?
कंपनी लगभग 2.5 बिलियन डॉलर निवेश कर रही है, जिससे आईफोन उत्पादन क्षमता 40 मिलियन यूनिट से बढ़कर 60 मिलियन यूनिट सालाना हो जाएगी।
iPhone 17 का निर्माण कहां हो रहा है?
एप्पल ने भारत में iPhone 17 की असेंबलिंग शुरू कर दी है और इसके जरिए स्थानीय उत्पादन को और तेज किया जाएगा।
ट्रंप के विरोध के बावजूद विस्तार क्यों जारी है?
ट्रंप ने निर्यात पर आपत्ति जताई थी, लेकिन स्मार्टफोन और कंप्यूटर नए टैरिफ से प्रभावित नहीं हैं। इसी कारण एप्पल का भारत में विस्तार बिना रुकावट के जारी रहेगा।
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