Breaking News: Birla: ब्लैकरॉक का बड़ा निवेश बिड़ला ग्रुप को मजबूती

By Dhanarekha | Updated: December 10, 2025 • 2:58 PM

ब्लैकरॉक ने बिड़ला समूह पर जताया भरोसा

नई दिल्ली: नई दिल्ली में दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक(BlackRock) ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी ABREN में भारी निवेश की तैयारी कर ली है। कंपनी लगभग ₹3,000 करोड़ निवेश कर रही है, जिसके बदले उसे इस व्यवसाय में हिस्सेदारी मिलेगी। ग्रासिम इंडस्ट्रीज के तहत आने वाले इस बिजनेस का वैल्यूएशन 14,600 करोड़ रुपये तय किया गया है।

डील(Deal) में शुरुआत में ₹2,000 करोड़ का निवेश होगा और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त ₹1,000 करोड़ ग्रीन शू ऑप्शन के रूप में दिया जा सकता है। ब्लैकरॉक की ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स शाखा यह निवेश करेगी। ABREN के मुताबिक कंपनी ने देशभर में तेजी से विस्तार करते हुए 10 राज्यों में 4.3 GW की रिन्यूएबल क्षमता विकसित की है, जिसमें सोलर, हाइब्रिड, फ्लोटिंग सोलर और RTC प्रोजेक्ट शामिल हैं

ग्रीन एनर्जी विस्तार को बड़ी रफ्तार

बिड़ला(Birla) समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने इस निवेश को भारत के एनर्जी ट्रांज़िशन के लिए अहम बताया। उनका कहना है कि GIP का निवेश कंपनी को आने वाले वर्षों में 10 GW से अधिक क्षमता हासिल करने की दिशा में मजबूत आधार देगा और इससे रिन्यूएबल सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और विकास, दोनों को गति मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि निवेश से ABREN को तकनीकी मजबूती और वित्तीय स्थिरता मिलेगी, जिससे कंपनी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से बढ़ा सकेगी। समूह का मानना है कि भारत में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग लगातार बढ़ रही है और यह कदम उस भविष्य को साकार करने में मदद करेगा।

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पहले भी दिख चुकी है ग्लोबल दिलचस्पी

इससे पूर्व कतर की कंपनी नीब्रास पावर ने ABREN में 49% हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश की थी, हालांकि डील पूरी नहीं हो सकी। उस समय भी कई वैश्विक निवेशक इस कंपनी में रुचि दिखा रहे थे, जिससे इसकी बाजार साख का अंदाजा लगाया जा सकता है।

ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक को दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान कहा जाता है। ब्लैकरॉक के पास $13.46 ट्रिलियन का एसेट अंडर मैनेजमेंट है, जो भारत की जीडीपी का करीब तीन गुना है। इस क्षमता के कारण निवेशकों को लगता है कि ABREN का भविष्य और भी मजबूत होने वाला है।

क्या ब्लैकरॉक के निवेश से भारत के रिन्यूएबल सेक्टर को लाभ मिलेगा?

इस निवेश से तकनीक, फंडिंग और प्रोजेक्ट गति—all तीन क्षेत्रों में सुधार होगा। इससे भारत के ग्रीन एनर्जी लक्ष्य को हासिल करने में कंपनी अहम भूमिका निभा सकती है और देश में बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा प्रोजेक्ट विकसित होंगे।

क्या ABREN अगले वर्षों में बड़ी क्षमता हासिल कर पाएगी?

कंपनी पहले ही 4.3 GW क्षमता हासिल कर चुकी है। ब्लैकरॉक और GIP की साझेदारी के बाद वित्तीय मजबूती बढ़ेगी, जिसके चलते 10 GW से आगे का लक्ष्य हासिल करना और आसान हो जाएगा।

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