किसानों के लिए ‘टेंशन’ की बड़ी वजह
नई दिल्ली: दाल, प्याज, सोयाबीन और कपास जैसी रोजमर्रा की जरूरी(Essential) चीजों के दाम इस समय कई सालों के निचले स्तर पर पहुँच गए हैं। प्याज, अरहर, मूंग और उड़द के दाम पिछले तीन साल में सबसे कम हैं, जबकि पीली मटर के दाम छह साल के निचले स्तर पर आ गए हैं। सोयाबीन और कपास(Essential) भी दो साल के न्यूनतम मूल्य पर बिक रहे हैं। चिंता की मुख्य वजह यह है कि कई खरीफ फसलें अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी 10% से 20% कम दाम पर बिक रही हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति किसानों के लिए गंभीर संकट पैदा कर रही है और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छी नहीं है। नासिक के लासलगांव बाजार में प्याज के दाम तीन साल के सबसे निचले स्तर पर हैं।
भारी आयात और कम निर्यात से बाजार में आया दबाव
कीमतों में इस रिकॉर्ड गिरावट का मुख्य कारण दालों और खाने के तेलों का बहुत ज्यादा आयात और प्याज का कम निर्यात है। आईग्रेन इंडिया के निदेशक राहुल चौहान के अनुसार, कई देशों ने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए रिकॉर्ड मात्रा में दालों(Essential) का उत्पादन करना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया ने चने और मसूर की बंपर फसलें उगाई हैं, जबकि अफ्रीका(Africa) से अरहर (तुअर) और म्यांमार से उड़द की बड़ी सप्लाई आई है। यहाँ तक कि ब्राजील ने भी 80,000 टन से ज्यादा उड़द का उत्पादन भारत को सप्लाई करने के लिए किया है। वहीं, प्याज के सबसे बड़े खरीदार बांग्लादेश को पिछले छह महीनों में भारत का निर्यात न के बराबर रहा है। इन वैश्विक और घरेलू सप्लाई के कारण ही भारतीय बाजारों में दाम टूट गए हैं।
सरकारी बफर स्टॉक और अत्यधिक बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, कीमतों में गिरावट की दो अतिरिक्त वजहें हैं। पहली, सरकारी एजेंसियों नेफेड और एनसीसीएफ ने त्योहारी सीजन की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए अपना बफर स्टॉक बाजार में बेचना शुरू कर दिया है, जिससे प्याज की कीमतों पर और दबाव पड़ा है। दूसरी, अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। लातूर के दाल प्रोसेसर नितिन कलांत्री ने बताया कि इस नुकसान के कारण खराब गुणवत्ता वाली फसलों का अनुपात बढ़ गया है, जिनकी कीमतें अपने-आप कम होती हैं। इससे अच्छी और खराब गुणवत्ता वाली फसलों की कीमतों के बीच की सीमा भी बढ़ गई है। MSP से नीचे बिक रही फसलें किसानों की लागत को भी कवर नहीं कर पा रही हैं, जो इस ‘टेंशन’ की बड़ी वजह है।
दालों और जरूरी चीजों के दाम गिरने के पीछे मुख्य कारण क्या हैं?
दालों और जरूरी चीजों के दाम गिरने के मुख्य कारण हैं:
दालों और खाने के तेलों का बहुत ज्यादा आयात।
प्याज का कम निर्यात, विशेषकर बांग्लादेश को।
सरकारी एजेंसियों द्वारा बफर स्टॉक बाजार में बेचना।
अत्यधिक बारिश से फसलों की गुणवत्ता का खराब होना।
फसलों के दाम MSP से नीचे बिकने पर किसानों को क्या समस्या होती है?
फसलों के दाम MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से नीचे बिकने पर किसानों को यह समस्या होती है कि उन्हें फसल उगाने की लागत भी नहीं मिल पाती। MSP वह न्यूनतम मूल्य होता है जिसे सरकार किसानों को उनकी फसल के लिए गारंटी देती है। जब कीमतें इससे नीचे जाती हैं, तो किसानों को वित्तीय नुकसान होता है, जिससे उनकी आय कम हो जाती है और उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता है।
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