लगातार चौथे सप्ताह घटा विदेशी भंडार
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार(Forex) लगातार चौथे सप्ताह घट गया है। हालांकि, सोने के रिकॉर्ड मूल्य ने कुल आरक्षित संपत्ति को संभालने में मदद की है। 10 अक्टूबर 2025 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के सोने के भंडार का मूल्य पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया।
विदेशी भंडार में गिरावट जारी
आरबीआई के अनुसार, 10 अक्टूबर 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत(India) के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.176 अरब डॉलर की कमी हुई। इससे पहले के सप्ताह में भी इसमें 276 मिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। अब यह घटकर 697.784 अरब डॉलर रह गया है, जबकि 27 सितंबर 2024 को यह रिकॉर्ड 704.885 अरब डॉलर था।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कमी मुख्य रूप से विदेशी मुद्राओं(Forex) के उतार-चढ़ाव और आयात मांग में वृद्धि के कारण आई है। डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं के कमजोर होने से भी कुल विदेशी संपत्ति पर असर पड़ा है।
एफसीए में सबसे ज्यादा गिरावट
रिजर्व बैंक के अनुसार, देश की विदेशी मुद्रा आस्तियों में 10 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 5.605 अरब डॉलर की गिरावट हुई। इससे पहले के सप्ताह में भी यह 4.049 अरब डॉलर घटा था। अब यह घटकर 572.103 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
एफसीए भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार(Forex) का सबसे बड़ा हिस्सा होता है, जिसमें डॉलर, यूरो, पौंड और येन जैसी प्रमुख मुद्राओं का योगदान शामिल है। इन मुद्राओं के मूल्य में उतार-चढ़ाव सीधे तौर पर भारत के फॉरेक्स रिजर्व को प्रभावित करते हैं।
सोने के भंडार ने बनाया नया रिकॉर्ड
सोने की कीमतों में हालिया तेजी ने रिजर्व बैंक को राहत दी है। 17 अक्टूबर 2025 को 24 कैरेट सोने का भाव 1,34,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स सहित) तक पहुंच गया। इस वजह से आरबीआई के सोने के भंडार का मूल्य बढ़कर 102.365 अरब डॉलर हो गया।
बीते सप्ताह सोने के भंडार में 3.595 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक सप्ताह पहले 3.753 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी। इस समय रिजर्व बैंक के पास लगभग 880 टन सोना है, जो कुल विदेशी मुद्रा भंडार का करीब 14.7 प्रतिशत है।
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एसडीआर और आईएमएफ भंडार में कमी
आरबीआई के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार में 130 मिलियन डॉलर की कमी आई है। अब यह घटकर 18.684 अरब डॉलर रह गया है।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास रखे गए भारत के रिजर्व में भी 36 मिलियन डॉलर की कमी हुई है। अब यह घटकर 4.632 अरब डॉलर रह गया है।
क्या सोने के दाम बढ़ने से आरबीआई को फायदा हुआ?
हाँ, सोने के दामों में तेजी से आरबीआई के भंडार का मूल्य ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है। इसका सीधा लाभ यह हुआ कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के बावजूद कुल आरक्षित संपत्ति का मूल्य मजबूत बना रहा।
क्या विदेशी मुद्रा भंडार की कमी चिंता का विषय है?
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अल्पकालिक गिरावट चिंता का कारण नहीं है। यदि यह प्रवृत्ति लंबे समय तक जारी रही, तो यह आयात बिल और रुपये की स्थिरता पर असर डाल सकती है।
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