India Growth : विकसित भारत का सपना और चुनौतियां

By Dhanarekha | Updated: August 16, 2025 • 10:16 PM

रघुराम राजन ने दिए बड़े सुझाव

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से संबोधन में 2047 तक भारत को विकसित(India Growth) बनाने का संकल्प दोहराया और इसके लिए नए सुधारों पर जोर दिया। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत को अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए तेज़ी से विकास करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा गति पर्याप्त नहीं है और देश को अतिरिक्त 2 से 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी

विकास दर और आर्थिक हकीकत

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि 2025 और 2026 में भारत(India) की जीडीपी(GDP) 6.4% की दर से बढ़ेगी। यह दर दुनिया में सबसे तेज़ है, लेकिन राजन का मानना है कि 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को प्रति व्यक्ति आय को तेजी से बढ़ाना होगा।

इसके लिए राजन ने रोजगार सृजन को अहम बताया। उनका कहना है कि केवल तेज़ ग्रोथ ही काफी नहीं है, बल्कि ऐसी अच्छी नौकरियां पैदा करनी होंगी जो बड़े वर्ग को आर्थिक रूप से सक्षम बना सकें।

सुधारों की नई पीढ़ी जरूरी

राजन ने याद दिलाया कि 1991 से अब तक भारत लगातार सुधार करता आया है, लेकिन मौजूदा हालात में यह गति पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि incremental यानी धीरे-धीरे किए जाने वाले सुधारों से 2-2.5% अतिरिक्त ग्रोथ हासिल नहीं की जा सकती।

उन्होंने चेतावनी दी कि दुनिया तेजी से संरक्षणवाद की ओर बढ़ रही है। ऐसे माहौल में भारत को अपने ग्रोथ इंजन को पुनर्जीवित करने के लिए नई सोच और साहसिक सुधारों की ज़रूरत है। तभी विकसित भारत का सपना साकार हो सकेगा।

रघुराम राजन ने कितनी अतिरिक्त वृद्धि दर की बात की?

राजन का कहना है कि भारत को मौजूदा वृद्धि दर से 2 से 2.5 प्रतिशत अधिक ग्रोथ हासिल करनी होगी ताकि 2047 तक विकसित राष्ट्र का लक्ष्य पूरा हो सके।

IMF ने भारत की विकास दर का क्या अनुमान लगाया?

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार भारत की जीडीपी 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो दुनिया की सबसे तेज़ रफ्तार है।

सुधारों के बारे में राजन की मुख्य राय क्या है?

उनका कहना है कि incremental सुधार पर्याप्त नहीं हैं। भारत को नई पीढ़ी के सुधारों और साहसिक कदमों की ज़रूरत है ताकि रोजगार बढ़े और प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो।

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