अक्टूबर में निवेशकों के लिए सुनहरा मौका
नई दिल्ली: शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए अक्टूबर बड़ा महीना साबित हो सकता है। दक्षिण कोरियाई(South Korea) कंपनी एलजी(LG) इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया करीब 11,500 करोड़ रुपये का आईपीओ ला रही है। यह आईपीओ 6 अक्टूबर से शुरू होने वाले सप्ताह में खुल सकता है। सेबी(SEBI) से मंजूरी मिलते ही कंपनी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस इश्यू के बाद एलजी इंडिया का मूल्यांकन लगभग 9 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
साल का तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ
एलजी(LG) इंडिया का यह ऑफरिंग इस साल का तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इससे पहले HDB फाइनेंशियल और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज के आईपीओ लॉन्च हुए थे। नए आईपीओ के जरिए इस साल अब तक 10 अरब डॉलर से अधिक की रकम जुटाई जा चुकी है। हालांकि, अभी चर्चा जारी है और आईपीओ के आकार या तारीख में बदलाव संभव है।
कंपनी की मूल योजना दिसंबर 2024 में सामने आई थी, जब उसने पहली बार सेबी के पास कागजात दाखिल किए थे। उस समय 15 अरब डॉलर के मूल्यांकन की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन अब वैल्यूएशन कम होकर 9 अरब डॉलर के आसपास आ गया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों की बड़ी रुचि से आईपीओ को अच्छा प्रतिसाद मिल सकता है।
पिछले साल से जारी चर्चा
एलजी(LG) इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने दिसंबर 2024 में अपनी 15% हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए 10.18 करोड़ शेयर जारी करने की योजना बनाई गई थी। मार्च 2025 में मंजूरी मिलने के बावजूद कंपनी ने उस समय बाजार अस्थिरता के कारण इसे स्थगित कर दिया। अगस्त में कंपनी ने नया ड्राफ्ट पेश किया और अब फाइनल दस्तावेज दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
इसी बीच, सितंबर में भारत के आईपीओ बाजार में ऐतिहासिक रौनक रही। लगभग 30 साल बाद एक ही महीने में 25 से ज्यादा कंपनियों ने आईपीओ दायर किए। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, 1997 के बाद पहली बार इतनी संख्या में कंपनियां लिस्टिंग की ओर बढ़ी हैं। इस बार कंपनियों ने मिलकर 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने का लक्ष्य रखा है।
छोटे-बड़े सभी नाम शामिल
आईपीओ की इस लहर में केवल बड़ी कंपनियां ही नहीं, बल्कि कई एसएमई भी शामिल हैं। इस हफ्ते 28 आईपीओ खुले और अगले सप्ताह की शुरुआत में 18 और आने वाले हैं। आगामी ऑफरिंग्स में टाटा कैपिटल, एनएसई, हीरो फिनकॉर्प और नई डिजिटल कंपनियां जैसे ग्रो, फोनपे, मेशो, शैडोफैक्स और वीवर्क इंडिया जैसी फर्में भी मौजूद रहेंगी।
एलजी इंडिया आईपीओ का साइज 11,500 करोड़ रुपये क्यों रखा गया है?
कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचकर पूंजी जुटाना चाहती है। इसके जरिए विस्तार योजनाओं और भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
अक्टूबर 2025 में इतने अधिक आईपीओ क्यों देखने को मिल रहे हैं?
इस महीने कंपनियों को बाजार की सकारात्मक स्थिति और निवेशकों की बढ़ती रुचि का लाभ मिला है। लगभग तीन दशकों बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कंपनियां एक साथ सूचीबद्ध होने जा रही हैं।
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