CIBIL Score खराब होने पर सरकारी नौकरी नहीं रुकेगी Madras HC हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
मद्रास हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि खराब CIBIL Scoreस्कोर होने मात्र से किसी उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता।
यह फैसला उन युवाओं के लिए राहतभरा है, जिनका क्रेडिट स्कोर किसी वजह से गिर चुका है।
क्या था मामला?
- एक सरकारी विभाग में कैंडिडेट का चयन हो चुका था, लेकिन
पृष्ठभूमि जांच के दौरान उसकी CIBIL रिपोर्ट खराब पाई गई - इसके आधार पर विभाग ने उसकी नियुक्ति पर रोक लगा दी
- उम्मीदवार ने इस फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी
कोर्ट ने क्या कहा?
- कोर्ट ने कहा कि
“CIBIL Score किसी की नैतिकता या पात्रता का प्रमाण नहीं है” - न्यायमूर्ति ने टिप्पणी की:
“आर्थिक कठिनाइयों से हर कोई गुजर सकता है, इससे किसी की ईमानदारी और योग्यता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।” - कोर्ट ने विभाग को निर्देश दिया कि
“सिर्फ CIBIL रिपोर्ट के आधार पर नियुक्ति रोकना तर्कसंगत नहीं है”
क्या बोले कानूनी जानकार?
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला
सरकारी नियुक्तियों में पारदर्शिता और न्यायिक संतुलन को मजबूत करता है - यह स्पष्ट करता है कि
निजी आर्थिक समस्याएं सार्वजनिक सेवा की पात्रता को प्रभावित नहीं कर सकतीं
युवाओं के लिए क्या संदेश?
- अब यदि किसी का क्रेडिट स्कोर खराब है, तो भी वह सरकारी नौकरी के लिए पात्र हो सकता है
- हालांकि, जानबूझकर ऋण न चुकाना या फ्रॉड जैसे मामले अब भी चिंता का विषय बने रहेंगे
- कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि नियुक्ति में आवेदक का समग्र आचरण देखा जाना चाहिए
Madras High Court का यह फैसला न सिर्फ CIBIL Score की सीमाओं को दर्शाता है,
बल्कि यह भी बताता है कि सरकारी नौकरी में आर्थिक परिस्थिति से ज्यादा जरूरी है व्यक्ति की ईमानदारी और योग्यता।
यह निर्णय उन सभी उम्मीदवारों के लिए राहत लाने वाला है,
जो योग्य होते हुए भी केवल क्रेडिट स्कोर की वजह से अवसर खो देते हैं।