निर्मला सीतारमण ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman) ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि देश(India) को बेहतर विपक्षी नेताओं की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जीएसटी(GST) सुधारों को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। उनके अनुसार, 2017 में लागू हुई व्यवस्था किसी एक दल का निर्णय नहीं था, बल्कि इसमें कांग्रेस(Congress) शासित राज्यों के मंत्री भी शामिल थे।
विपक्ष पर साधा निशाना
सीतारमण(Nirmala Sitharaman) ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर गलत सूचना फैला रही है। उन्होंने कहा कि चार कर दरें रखने का फैसला केवल भारतीय जनता पार्टी का नहीं था, बल्कि उस समय गठित समिति में सभी राज्यों के मंत्रियों की सहमति शामिल थी। उन्होंने विपक्ष को याद दिलाया कि पूरी जीएसटी रूपरेखा इसी समिति ने तैयार की थी।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि विपक्ष उनके तर्कों को गलत साबित कर दे, तो वह बिना झिझक माफी मांगने को तैयार हैं। सीतारमण ने साफ किया कि उनमें कोई अहंकार नहीं है और वह जनभावनाओं का सम्मान करती हैं।
जीएसटी सुधारों का ताजा फैसला
वित्त मंत्री ने हाल ही में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय का उल्लेख करते हुए बताया कि केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों की परिषद ने अब चार कर स्लैब को घटाकर दो करने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार, यह सुधार कर प्रणाली को और अधिक सरल बनाएगा।
उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि यदि उन्हें विषय की गहराई से जानकारी नहीं है, तो निराधार बयान देने से बचना चाहिए। सीतारमण(Nirmala Sitharaman) ने यह भी कहा कि गलत आरोपों से जनता गुमराह होती है, इसलिए विपक्ष को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।
निर्मला सीतारमण ने माफी मांगने की बात क्यों कही?
उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष यह साबित कर दे कि उनके बयान गलत हैं, तो वह तुरंत माफी मांगने को तैयार हैं। उनके मुताबिक, यह अहंकार का नहीं बल्कि सच्चाई का सवाल है।
जीएसटी सुधारों को लेकर नया फैसला क्या है?
जीएसटी परिषद ने हाल ही में कर संरचना को सरल बनाते हुए चार कर दरों को घटाकर दो करने का निर्णय लिया है। इससे कारोबारियों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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