डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर आरबीआई का बड़ा फैसला
नई दिल्ली: रिज़र्व बैंक(RBI) ने डिजिटल भुगतान नियमों में अहम बदलाव की घोषणा की है। यह व्यवस्था अगले साल 1 अप्रैल से लागू होगी। अब ग्राहकों को केवल SMS ओटीपी(OTP) पर निर्भर नहीं रहना होगा, बल्कि पासवर्ड, फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक जैसे विकल्प भी उपलब्ध होंगे। इस कदम का उद्देश्य ऑनलाइन लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाना और धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम करना है।
नए नियमों का उद्देश्य और दायरा
आरबीआई(RBI) ने कहा कि नए प्रावधानों का पालन न करने की स्थिति में ग्राहक को हुए नुकसान की पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होगी। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन(2FA) अनिवार्य रहेगा, परंतु इसे SMS ओटीपी के अलावा अन्य विकल्पों के साथ भी जोड़ा जा सकेगा। ग्राहकों के लिए यह बदलाव उन्हें अधिक सुविधा और भरोसे का अनुभव कराएगा।
पहचान की प्रक्रिया तीन श्रेणियों पर आधारित होगी—कुछ ऐसा जो यूज़र के पास है, कुछ ऐसा जो यूज़र जानता है, और कुछ ऐसा जो यूज़र स्वयं है। इसमें पासवर्ड, पिन, पासफ्रेज, हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर टोकन, फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक्स शामिल किए जाएंगे। इस लचीलेपन से बैंकों और फिनटेक कंपनियों को तकनीकी नवाचार के लिए भी बढ़ावा मिलेगा।
भारत की विशेष पहल और तकनीकी मानक
भारत(India) उन चुनिंदा देशों में है जो लंबे समय से टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर जोर देते आए हैं। अब यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय डिजिटल इकोसिस्टम की विश्वसनीयता को और मजबूत करेगा। फरवरी 2024 में ही आरबीआई ने इसका संकेत दिया था, ताकि पेमेंट सेक्टर नई तकनीकों को अपनाने की तैयारी कर सके।
नियमों के तहत यह भी अनिवार्य किया गया है कि कम से कम एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर हर लेन-देन के लिए डायनामिक और यूनिक हो। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यदि एक माध्यम खतरे में पड़े तो दूसरा पूरी तरह सुरक्षित बना रहे। यह प्रावधान ग्राहकों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
नए नियम लागू होने से क्या ग्राहकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा?
आरबीआई(RBI) ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों पर किसी अतिरिक्त शुल्क का बोझ नहीं डाला जाएगा। सभी बैंक और भुगतान सेवा प्रदाता इन सुविधाओं को अपने सिस्टम में शामिल करेंगे और खर्च स्वयं वहन करेंगे।
क्या पुराने एसएमएस ओटीपी का उपयोग अब समाप्त हो जाएगा?
नहीं, पुराने एसएमएस ओटीपी का उपयोग जारी रहेगा। परंतु ग्राहकों को फिंगरप्रिंट, पासवर्ड या बायोमेट्रिक जैसे नए विकल्प भी मिलेंगे। यानी, सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए कई साधन एक साथ उपलब्ध होंगे।
अन्य पढ़े: