RBI: आरबीआई की ₹32,000 करोड़ की बॉन्ड नीलामी

By Dhanarekha | Updated: August 26, 2025 • 3:30 PM

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 29 अगस्त 2025 को ₹32,000 करोड़ के सरकारी बॉन्ड्स की नीलामी की जाएगी। यह नीलामी दो हिस्सों में होगी: 6.68% GS 2040 और 6.90% GS 2065, जिनकी प्रत्येक की कीमत ₹16,000 करोड़ है।

यह नीलामी ‘मल्टीपल प्राइस मेथड’ के माध्यम से मुंबई(Mumbai) में RBI के ई-कुबेर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से होगी। सफल बोली लगाने वालों को 1 सितंबर 2025 तक भुगतान करना होगा

नीलामी में बोली लगाने की प्रक्रिया

इस नीलामी में दो तरह की बोलियां स्वीकार की जाएंगी: प्रतिस्पर्धी (competitive) और गैर-प्रतिस्पर्धी (non-competitive)। गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10:30 से 11:00 बजे तक और प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 11:30 बजे तक जमा की जा सकती हैं।

गैर-प्रतिस्पर्धी बोली में आम निवेशक भी भाग ले सकते हैं, जिन्हें प्रतिस्पर्धी नीलामी(competitive auction) के औसत मूल्य पर बॉन्ड मिलेंगे। बोली की न्यूनतम राशि ₹10,000 है और उसके बाद ₹10,000 के गुणकों में बोली लगाई जा सकती है। निवेशक RBI के रिटेल डायरेक्ट पोर्टल का उपयोग करके गैर-प्रतिस्पर्धी हिस्से में भी भाग ले सकते हैं।

नीलामी का उद्देश्य और अन्य महत्वपूर्ण बातें

यह नीलामी भारत सरकार के लिए फंड जुटाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। RBI ने बताया कि सरकार के पास ₹2,000 करोड़ तक की अतिरिक्त राशि रखने का विकल्प होगा।

इसके अलावा, इन सिक्योरिटीज को 26 अगस्त से 29 अगस्त 2025 तक ‘व्हेन इश्यूड’ ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे नीलामी से पहले भी इनका कारोबार हो सकेगा। यह नीलामी निवेशकों, खासकर आम निवेशकों के लिए, एक सुरक्षित निवेश का अवसर प्रदान करती है, क्योंकि सरकारी बॉन्ड्स को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।

आरबीआई की बॉन्ड नीलामी क्या है?

बॉन्ड नीलामी वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत सरकार की ओर से बॉन्ड बेचता है। ये बॉन्ड सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिन्हें सरकार अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए जारी करती है। यह नीलामी सरकारी बॉन्ड में निवेश करने का एक अवसर प्रदान करती है, जिन्हें एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।

इस नीलामी में कौन भाग ले सकता है?

इसमें विभिन्न प्रकार के निवेशक भाग ले सकते हैं। इसमें बैंक, वित्तीय संस्थान, प्राइमरी डीलर्स और यहाँ तक कि आम निवेशक भी शामिल हैं। आम निवेशक गैर-प्रतिस्पर्धी (non-competitive) बोली के माध्यम से भाग ले सकते हैं, जिसके लिए उन्हें आरबीआई के रिटेल डायरेक्ट पोर्टल का उपयोग करना होगा।

‘मल्टीपल प्राइस मेथड’ का क्या मतलब है?

इसका मतलब है कि नीलामी में सफल होने वाले हर बोली लगाने वाले को वह कीमत मिलेगी जिस पर उन्होंने अपनी बोली लगाई थी। यह नीलामी का एक तरीका है, जो बोली लगाने वालों को उनकी अपनी बोली के मूल्य पर बॉन्ड प्राप्त करने की अनुमति देता है, न कि एक समान औसत मूल्य पर, जैसा कि ‘यूनिफॉर्म प्राइस मेथड’ में होता है।

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