अमेरिकी टैरिफ से भारत की विकास दर पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा(Sanjay Malhotra) ने देश की विकास यात्रा के सामने मौजूद व्यापार और टैरिफ संबंधी जोखिमों को लेकर चिंता व्यक्त की है। गवर्नर ने स्पष्ट किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50% टैरिफ जिसमें 25% ‘पारस्परिक टैरिफ’ और 25% रूस से कच्चे तेल की खरीद से संबंधित अतिरिक्त टैरिफ शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही और उसके बाद भारत की विकास गति को धीमा कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित मजबूती पर विश्वास भी जताया।
जीएसटी कटौती और व्यापार समझौते की चुनौतियाँ
RBI गवर्नर ने संकेत दिया कि सरकार द्वारा हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती 50% अमेरिकी टैरिफ के पूरे प्रभाव को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन कुछ प्रमुख मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है। गतिरोध के मुख्य बिंदु भारत का रूस के साथ कच्चे तेल का व्यापार और भारत का अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को अमेरिका के निर्यात के लिए खोलने से इनकार करना है। RBI ने अपनी आर्थिक गणनाओं में 50% टैरिफ दर को ही आधार मानकर चला है।
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जीडीपी वृद्धि और बाहरी मांग पर प्रभाव
रिजर्व बैंक के नीतिगत बयान के अनुसार, टैरिफ और व्यापार नीति की अनिश्चितताएं बाहरी मांग को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगी, जिससे भारत का निर्यात धीमा हो जाएगा। गवर्नर ने स्पष्ट किया कि दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमानों में की गई कमी का एक बड़ा कारण अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का संभावित प्रभाव है। उन्होंने यह भी बताया कि लंबे समय तक चलने वाले भू-राजनीतिक तनाव और निवेशकों की जोखिम से बचने की भावना अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा कर रही है, जो विकास के दृष्टिकोण के लिए एक नकारात्मक जोखिम है।
भारतीय निर्यात पर अमेरिका ने कुल कितना टैरिफ लगाया है, और इसमें कौन-कौन से घटक शामिल हैं?
अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर कुल 50% टैरिफ लगाया है। इसमें से 25% ‘पारस्परिक टैरिफ’ हैं और शेष 25% अतिरिक्त टैरिफ भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद के कारण लगाए गए हैं।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत में मुख्य गतिरोध के मुद्दे क्या हैं?
व्यापार समझौते की बातचीत में मुख्य गतिरोध के दो मुद्दे हैं:
भारत का रूस के साथ कच्चे तेल का व्यापार जारी रखना।
भारत द्वारा अमेरिका के निर्यात के लिए अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने से इनकार करना।
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